भाई संजय आज भी नही हैं
पर आनन्द तो आएगा ही
और काफी से अधिक ही आएगा
2009 में प्रकाशित रचना आज भी प्रासंगिक है....
आज्ञा दें यशोदा को
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंसस्नेहाशीष छोटी बहना
खुद का लिखा यहाँ पाकर हमेशा खुश होती रही
आज मन उदास है
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंको के साथ मनभावन प्रस्तुति
२ अगस्त २००९ को ब्लॉग पर मेरी पहली कविता थी सबको नाच नाचता पैसा" और आज हलचल में शीर्षक रचना
जवाब देंहटाएंके रूप में शामिल करने हेतु आभार!
बहुत अच्छा लगा ...
मेरी पसंदीदा रचना है ..
सुन्दर लिंक संयोजन ......... आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक संयोजन।
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