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सोमवार, 10 मार्च 2025

4423 ..बेल रस का सेवन या तो सुबह या फिर दोपहर के समय करना उचित होता है

 सादर अभिवादन

बेल ....



गर्मियों के मौसम में पसीना अधिक निकलता है, ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने और बॉडी को हाइड्रेट रखने की सलाह दी जाती है. बेल एक ऐसा फल है जिसका जूस हमारे शरीर को ठंडा रखने के साथ ही सेहत को कई तरीके से फायदा पहुंचाता है. बेल का जूस पीने से बॉडी हाइड्रेटेड रहती है और लू लगने की संभावना भी कम होती है. बेल बीटा-कैरोटीन, प्रोटीन, थायमिन, विटामिन सी (Vitamin C) और राइबोफ्लेविन से भरपूर फल है जो हमारी सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. गर्मियों में आप रोजाना बेल का जूस पी सकते हैं, हालांकि इसके लिए आप इसका सही समय जान लें. गलत समय पर इसके सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं.बेल रस का सेवन या तो सुबह या फिर दोपहर के समय करना उचित होता है, इससे सेहत को लाभ मिलता है. बेल के जूस को कभी भी रात में नहीं पीना चाहिए, इससे आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है. ठंडी तासीर की वजह से आपको सर्दी-जुकाम भी हो सकता है.

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स्त्री पीसती है
सिल-बट्टे में
ससुर की
देशी जड़ी बूटियां
सास के लिए
सौंठ,कालीमिर्च,अजवाइन
पति के तीखे स्वाद के लिए
लहसुन,मिर्चा,अदरक





मगर.. वक्त फिसलता रहा
हाथों से रेत की मानिन्द
हमने खोया....
किसी का विश्वास,
किसी का निश्छल प्रेम,
दुआएं पाने के पल, बस बनाते रहे,
कुछ आभासी शीशमहल।





स्वर्ग बनाने की कूवत रखने वाले
अपने हाथों को चूम लो
रचो न अपना फलक, अपना धनक आप
सहला दो अपने पैरों की थकान को
एक बार झूम कर बारिशों में
जम कर थिरक तो लो
वर्ना मरने का क्या है
यूँ भी-
`रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई !’

******
शब्द ही शब्द है



शब्दों से मत गिराओ
पत्थर शब्दों से मत चलाओ
नस्तर शब्दों से मत चुभाओ
खंजर शब्दों से मत उगलो जहर ।
शब्दों से बहाओ सुख सुमन
शब्दों से करो सदा नम्र नमन
शब्दों से बिखेरो मृदु मुस्कान
शब्दों से करो सदा सम्मान।
शब्दों से गावों गीत उजास
शब्दों में लावो प्रीत हुलास
शब्दों से बहे सदा परिहास
शब्दों से झरे सदा मधुमास।
शब्द निकले सदा मधुमय
शब्द लगे सदा ही रसमय
शब्द बने सदा ही सुखमय
शब्द झरे सदा अमृतमय।

आज बस
सादर वंदन

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