सादर अभिवादन।
गुरुवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।
चित्र साभार:गूगल
आज के दिन 104 वर्ष पूर्व अमृतसर पंजाब के जलियांवाला बाग़ में बैसाखी उत्सव के दिन (13 अप्रैल 1919) रॉलेक्ट ऐक्ट का विरोध करने 25-30 हज़ार लोगों की शांतिपूर्ण सभा चल रही थी तभी निहत्थे बच्चों,महिलाओं व पुरुषों पर बिग्रेडियर जनरल रेगीनाल्ड डायर ने बाग़ के निकास द्वार को बंद करवाकर गोलियाँ चलाने का आदेश दिया जिसमें एक हज़ार से अधिक लोग शहीद हुए और हज़ारों घायल हुए। इस हत्याकांड के बाद देश में ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध आक्रोश बढ़ गया। परिणामस्वरूप हंटर कमीशन नियुक्त हुआ जिसने जनरल डायर को दोषी माना और उससे इस्तीफ़ा लिया गया तथा उस क्रूर हत्यारे का लंदन पहुँचने पर भव्य स्वागत हुआ जिसकी मृत्यु 1927 में ब्रेन हेमरेज के कारण हुई।
जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के समय माइकल ओ ड्वाएर पंजाब का
लेफ़्टिनेंट गवर्नर था जो विरोधी स्वरों को कुचलने के लिए कुख्यात था जिसने अपनी
रिपोर्ट में सिर्फ़ 200
लोगों के मरने का ज़िक्र किया
था। ड्वाएर जनरल डायर के इस कुकृत्य को जाएज़ ठहराता था। पंजाब के युवक सरदार ऊधम सिंह ने
1933
में लंदन पहुँचकर माइकल ओ
ड्वाएर को मारने की योजना बनाई जिसे बख़ूबी उन्होंने 13 मार्च 1940 को अंजाम दिया।
ड्वाएर की हत्या के लिए क्रांतिकारी सरदार ऊधम सिंह को 31 जुलाई 1940 को फाँसी दी गई। हमारे राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन का
इतिहास बलिदानों से भरा हुआ है। हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी आज़ादी की रक्षा करें
और देश की एकता व अखंडता के लिए अनवरत समर्पित रहकर कार्य करें।
आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-
अपने पर ही आधारित रहूँगा
किसी को कुछ ना कहूं
यह कोई नहीं समस्या है |
पाने की हर बात भरम है
जो भी अपना मिला हुआ है,
बनने की हर आस भुलाती
हर उर भीतर खिला हुआ है !
करुणा के भूषण त्याग कर
यह कैसा धर्म प्रचार?
संस्कृतियों के घाट पर
अब होता व्यभिचार!
यह कैसा ढोंग-प्रलाप है
है कैसा यह संताप?
#हैसियतों के हिसाब से यहाँ #कायदा .
जलियांवाला बाग
जवाब देंहटाएंशहीदों को नमन
आभार
सादर
शहीदों को शत शत नमन
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स चयन
आभार सहित धन्यवाद रविन्द्र जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! बैसाखी की शुभकामनाएँ! वीर शहीदों को तथा जलियाँवाला बाग में हत होने वाले सभी देशभक्तों को शत शत नमन! पाँच रचनाओं का सुंदर गुलदस्ता, उसमें मन पाये विश्राम जहाँ को भी स्थान देने के लिए शुक्रिया रवींद्र जी !
जवाब देंहटाएंजलियांवाला बाग के वीर शहीदों को शत शत नमन ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर , मेरी लिखी रचना को इस मंच स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद ।
सभी संकलित रचनाएं बहुत उम्दा है , सभी आदरणीय को बहुत बधाइयां ।
सादर ।