वक्त व नियति के चक्र में भुवा हो जाना
पिछे मुड़ अब देखना नहीं
हालात जो रहे अब दोहराना नहीं
मजबूरिया हो चाहे कुछ भी
हार अब मानना नहीं
गीत गजल या लिखें कहानी
शब्द पिरो कविता बनने दें
कूची पकड़ हाथ में अपने
कलाकृति में रंग भरने दें
अजीब कश्मकश में
रात-दिन खोज रहा,
चांद तारों की दुनिया में
अपने सपनों के गाँव ।
एकाकी जीवन के पल में,
प्रश्न सँवर कर ही आता है ||
सपनों का संसार अनूठा |
लेकिन प्रश्न उभर आता है ||
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पुनः भेंट होगी...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंअसाधारण प्रस्तुति..
अजीब कश्मकश में
रात-दिन खोज रहा,
चांद तारों की दुनिया में
अपने सपनों के गाँव ।
आभार..
सादर नमन
सदा की तरह सदाबहार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदोनों महा मानवों को सादर नमन
सादर नमन
जिन्दगी और जीवन से सज्जित आज की सभी रचनाएँ पढ़ आई,
जवाब देंहटाएंसभी सार्थक और पठनीय हैं,आपके श्रमसाध्य कार्य को मेरा नमन । हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीय दीदी 🙏💐
गहन प्रस्तुति के लिए खूब बधाई
जवाब देंहटाएंजननी जन्मभूमि के दो लाल
जवाब देंहटाएंसजा रहे है भारत का भाल
गाँधी जी और शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन।
जी दी प्रणाम,
ज़िंदगी के तमाम अनुत्तरित प्रश्नों का सार समेटे आपके द्वारा चयनित सूत्र हमेशा की तरह लाज़वाब हैं।
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जीने को ज़िंदगी में हालात इक तरफ है
सूखी नदी से जैसे बरसात इक तरफ है
सच कहे तो जीवन का उद्देश्य कभी समझ नहीं आया हमको।
सादर।
जवाब देंहटाएं15.जरथुस्त्र या पारसी धर्म । Zoroastrianism or Parsi Dharm
https://gs2day.blogspot.com › 2021/07
जवाब देंहटाएंKuch Tum Kaho Kuch Hum Kahein(2002) - kumarsanu
http://sanudamp3.blogspot.com › 2015/04 › kuch-tum-...
जवाब देंहटाएंसच्चा दोस्त कौन होता है? सच्चे मित्र की विशेषताएं - Support Me ...
https://www.supportmeindia.com › sa...