तीसरी वर्षगाँठ के नजदीक हैं हम
रथ-यात्रा का पर्व बस समझिए आ ही गया
ऐसे में नेट काम न करे...
हिमांचल का रास्ता जिओ को शायद नहीं पता
चलिए चलें आज की पसंदीदा रचनाओँ की ओर....
हरी में नित मन जो विभोर है...
सन्नाटे में भी यहाँ शोर है
राज कपटों का चहुँओर है
हर दिल में बसते कई चोर हैं
अच्छाई का तो बस ढोंग है
मक़सद तो सबका भोग है
हर साधु के मन में लोभ है
नीयत में सबके खोट है
मकां सा है ...मीना गुलियानी
आसमां आग ये उगलता है
सारा मंज़र धुआँ धुआँ सा है
तुमसे दुश्मनी क्या हुई
ख़ाक गुलिस्तां सा है
दरख्तों से कई लम्हे गिरेंगे ...दिगम्बर नासवा
किसी की याद के मटके भरेंगे
पुराने रास्तों पे जब चलेंगे
कभी मिल जाएं जो बचपन के साथी
गुज़रते वक़्त की बातें करेंगे
गए टूटी हवेली पर, यकीनन
दिवारों से कई किस्से झरेंगे
कौन हैं ये लोग ....रश्मि शर्मा
बेटियों ने बेटियों को बचाना चाहा
अपने जैसी मासूमों को
बताना चाहा, कि समझो
तुम कोई सामान नहीं
कि तस्करी की जाए तुम्हारी
और एक दिन
लुट-पिट कर, आबरू और
बरसों की कमाई गवाँ
ख़ाली हाथ लौट आओ
ओ मनमीत............. साधना वैद
बोलो बनोगे ना तुम मेरे गुरू ?
बना लोगे ना तुम मुझे
अपना हमशक्ल
अपना प्रतिरूप
कि कभी भी किसीको
तुम्हारी कमी ना अखरे !
मरते सपने....श्वेता सिन्हा
यहां से आगे भी है..
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार...
चलिए ये तो याद है....
बाकी क्यों याद नहीं रहता
अच्छी फटा-फट प्रस्तुति
सादर
तीसरी वर्षगाँठ भी अच्छी रहने वाली है ... यात्रा टन ही चलती रहेगी ... आज जे लिंक्स भी वक से बढ़ कर एक ...
जवाब देंहटाएंआभार आज मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ...
बहुत बढ़िया प्रस्तुति, तीसरी वर्षगांठ के लिए हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़ियाँ प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंहास्य-व्यंग का पुट लिये संक्षिप्त प्रस्तावाना और बेहतरीन रचनाओं का प्रस्तुतिकरण करती सुन्दर प्रस्तुति. सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंतीसरी वर्षगांठ का आगामी उत्सव सचमुच हमें अभी से आल्हादित कर रहा है.
तीसरी वर्षगाँठ के उत्सव में जरूर शामिल होना है। प्रस्तुति बेहद नायाब है। रचनाकारों को बधाई। ये कारवां यूं ही चलता रहे।
जवाब देंहटाएंसादर
दो सप्ताह बचे हैं बस । इन्तजार रहेगा। शुभकामनाएं। सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति ।सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का यह संकलन ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार दिग्विजय जी !
जवाब देंहटाएंवर्षगांठ सदैव खुशी,उल्लास,उमंग के साथ-साथ नयी आशाएँ अपने साथ लाता है सुंदर भविष्य की कामना के साथ। हमारी भी अशेष अनंत शुभकामनाएं हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचनाओं का अति सुंदर संयोजन सर।
बहुत आभार मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए सर।
सादर।
वाह तीसरी वर्षगाँठ!!!खूब बधाई टीम हलचल को
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर सुंदर संकलन
सभी रचनाएँ एक से बढ़कर एक
इन दिग्गजों के बीच हमारी साधारण सी रचना को भी स्थान मिला!! आश्चर्य भी है और हर्ष भी। बहुत बहुत धन्यवाद सादर नमन सुप्रभात 🙇
बढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर सहज प्रवाह लिये प्रमुदित करती भुमिका
जवाब देंहटाएंशानदार रचनाओं का संकलन सभी रचनाकारों को बधाई ।
वाह तीसरी वर्ष गांठ...
गजल न जाने कब पांव पांव चली
और अब देखों हवाओं के साथ साथ चली।
सरगम सी फैली है सभी दिशाओं मे
संग अपने कवि शायर और काव्यकार लेके चली।