निवेदन।


फ़ॉलोअर

रविवार, 14 फ़रवरी 2016

212...माँ गोद में तेरी सर रख कर जी भरकर सोउँगा ।

सादर अभिवादन..
आज सब आनन्दित हैं
दिन भी मस्त है
उत्सव भी मस्त है
एक अघोषित
मित्रता दिवस..
विरोध भी है
स्वीकार्य भी है..
पर आज की चुनिन्दा रचनाएँ 
कुछ तो
इस दिवस के साथ है
इस देश के साथ है
कविताओं और कहानियो के साथ भी है...


पापी हैं वे लोग कि जिनको देश न अपना भाता है 
'भारत को हम नष्ट करेंगे', पागल ही चिल्लाता है. 
जिस भूमि ने हम सबको इतना सुंदर परिवेश दिया. 
रहो प्रेम से मिलजुल कर के संतों ने उपदेश दिया. 


ये कहकर गया था जब अबकी बार आउंगा
माँ गोद में तेरी सर रख कर जी भरकर सोउँगा ।
लाल मेरा तू तो है भारत माता का प्रहरी
इसीलिये नींद तेरी रहती थीं आँखों से ओझल
कभी न वो तेरी पलकों में ठहरी ।

"कविता मंच में"..... प्रदीप कुमार साहनी
देश की शान के लिए खड़े जो,
हर मुश्किल में रहे अड़े जो,
मौत से हारे वो आखीर,
खो दिए फिर हमने वीर ।


आजाद कलम
उन्नत  विचार 
मन में लिए विश्वास 
पैर धरातल पर पड़े 
जीवन में आया निखार 
भाव मन के स्पष्ट हुए 
छलकपट से दूर हुए
स्वतंत्रता के पुरोधा 
बन्धनों से मुक्त हुए 


पत्र विहीन पेड़ की उजड़ी हुई डाल को
दया भाव से कभी भी मन में न आँकिए
यहीं पर के नीड़ में अवतरित पंख हैं
उड़ रहे परिंदों में किरन भी टाँकिए


आती है  जब
बसंत पंचमी
झूमती है
समस्त प्रकृति
हर्षित होता है
हर जीव
गाती है धरा
यौवन के गीत...

आज बस इतना ही
आज्ञा दें दिग्विजय को





9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी चुनी गई कवितायेँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है |
    आज अपनी रचना यहाँ देख बहुत अच्छा लगा |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  2. चुनिन्दा रचनाऐं आनंदित करती है। बिभिन्न प्रकार की रचनाऐं एक ही मंच पर मिल जाती है। अच्छा लगता है।
    मेरी नई पोस्ट:-:> अब खून भी बहता नहीं, पर जख्म भी बढते गये,
    और दर्द शायरी में , उतरता चला गया .........click on http://manishpratapmpsy.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  3. बढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर लिंको के साथ मनभावन प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  5. शुभप्रभात...
    देर से आना हुआ...
    पर आया तो....
    आनंद आ गया...
    आभार सर आप का।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...