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मंगलवार, 26 अगस्त 2025

492...सिद्धिबुद्धि माता संग मयूर चढ़े...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीया कविता रावत जी की रचना से।

गणेश चतुर्थी पर्व की शुभकामनाएँ।

मंगलवारीय अंक में पढ़िए पाँच रचनाएँ-

गजानना,गजानना स्वानन्देशा गजानना। New gajanan आरती

त्रेता में गिरिजा तुमको बुलाये,

स्वानंदलोक से तुम आ गए।
छः भुजा धारी श्री मयूरेश्वर,
सिद्धिबुद्धि माता संग मयूर चढ़े।।
पापि कमलासुर तुम्हें ललकारे,
सहजता से वध तू उसका करे ।
उग्रेक्षण सिंधु का अंत करे प्रभु,
देवो को बंधन मुक्त करे।।

*****

जीवन बीता ही जाता है

यूँ तो अंचल में हैं ख़ुशियाँ

कोई कहीं अभाव नहीं है,

लेकिन फिर भी उर के भीतर

कान्हा वाला भाव नहीं है!

*****

सैनिक, संत, किसान (दोहा मुक्तक)

सैनिक संत किसान सेगर्वित हिंदुस्तान।

फर्ज निभाते है सदालिये हाथ में जान।

रक्षण पोषण धर्म कीसेवा पर तैनात,

करते उन्नति देश कीसदा बढ़ाते मान।।

*****

अँधेरे के सौदागर

ऐ ठेकेदार! मत भर झोली इतनी,

कि बोझ तले तू खुद ही दब जाए।

मुन्शी कहीं तेरा ही बनकर विभीषण,

तेरी काली कमाई को न उजागर कर जाए।

*****

संवेदनात्मक दृष्टि का परिचायक है उपन्यास 'कबिरा सोई पीर है'

"लड़ाई का सबका अपना तरीका होता है। मैं लड़ ही तो रही हूँ। मेरी पढ़ाई ही मेरी लड़ाई है। कुछ बन जाऊँगी तो बहुतों की आवाज बन पाऊँगी। वरना ऐसे ही गृह कलेश में जीवन बिताना पड़ेगा। तुझे एक बात बताऊँ, मुझे माँ-पापा किसी से शिकायत नहीं। उनसे क्या शिकायत करो, जो खुद विक्टिम हैं यार। मम्मी का बड़बड़ाना जिस दिन बन्द हो जाएगा न, माँ मर जाएगी। इसी बड़-बड़ में वो अपने भीतर की कड़वाहट को निकालती रहती है। मुझे तो लगता है ज्यादातर औरतों की बड़-बड़ में उनका फ्रस्टेशन ही निकल रहा होता है, जिसका लोग उपहास बनाते हैं।'

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

 

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी हलचल में मेरी ब्लॉग पोस्ट शीर्षक सह ब्लॉग लिंक प्रस्तुति के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आभार,,,

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात! गणेश चतुर्थी पर हार्दिक शुभकामनाएँ, अनुपम प्रस्तुति, 'मन पाये विश्राम जहाँ' को स्थान देने हेतु बहुत बहुत आभार रवींद्र जी!

    जवाब देंहटाएं
  3. लाजवाब प्रस्तुति...सभी लिंक बहुत ही उत्कृष्ट ।
    मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार आ. रविंद्र जी !
    गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं

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