कर नए सैकड़े की ओर पहला क़दम..
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मंत्र-तंत्र और कुतंत्र
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एक साक्षात्कार के चक्करव्यूह में फंस गई
हमारी विभा दीदी....
उत्तर:- जिस नीति से राज हो सके, फिर राज करना कौन नहीं चाहे... राजनीति के शिकार नीरज जी शिक्षक की नौकरी त्याग दिए… आज दुनिया भी...
अब बाकी की रचनाएँ इस ब्रेक के बाद....
मांग लेना मनचाहा..नूपुरम्
ठोकरों से संभलने का हौसला मांगना ।
कड़वे अनुभवों से संवेदना मांगना ।
फूलों से पराग मांगना ।
जुगनुओं से रोशनी मांगना ।
भवितव्य से चुनौती मांगना ।
भाग्य से कर्मठता का ईनाम मांगना ।
ठाकुरजी से सद्बुद्धि और भक्ति मांगना ।
मैं भी उड़ती....सुप्रिया पाण्डेय
तुम बन पाते जो मेरा आसमान
तो मैं भी उड़ती,
तुम बन पाते जो चट्टान तो
उड़ती हवा बनके भी
तुम्हारे पास ठहरती,
तुम बन पाते जो समंदर
बनके नदी तुम्हारी बाँहो में बिखरती
स्वाद!.....अपर्णा वाजपेई
गुमनाम इश्क़ की रवायत में,
जल रही हैं उंगलियां,
जल गया है कुछ चूल्हे की आग में,
आज खाने का स्वाद लज़ीज़ है।
मातृभूमि !....गगन शर्मा
मातृभूमि ! ज्यादातर या सरल भाषा में कहा जाए तो जो इंसान
जहां जन्म लेता है, वही उसकी मातृभूमि कहलाती है। पर
आज दुनिया सिमट सी गयी है। रोजी-रोटी, काम-धंधे या बेहतर
भविष्य की चाहत में लोग विदेश आने-जाने लगे हैं। तो ऐसे लोगों की संतान का जन्म यदि दूसरे देश में होता है तो उसकी मातृभूमि
कौन सी कहलाएगी ? उसकी वफादारी किस देश के साथ होगी ?
जहां उसने जन्म लिया है या फिर उस देश के प्रति जिसको
उसने देखा ही नहीं है.......!
चलते चलते मेरी ये बात याद रखना.....व्याकुल पथिक
अब जब इस जिंदगी के सफर की पहेलियों से उभर कर अपनी इस कठिन जीवन यात्रा को विश्राम देने के प्रयास में जुटा हूं, तो स्मृतियों की घेराबंदी कुछ बढ़ती जा रही है। मन में सवाल उठ रहा है कि किन्हें खोया और क्या पा लिया। साथ ही एक कोशिश अभी और भी शेष है कि कर्म पथ से मुक्ति पथ की ओर बढ़ते हुये, वह है-
रोते रोते ज़माने में आये मगर
हँसते हँसते ज़माने से जायेँगे हम
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एक पुरानी कतरन मिल गई उलूक टाईम्स की
बातों को खरा लिखा है....आदरणीय डॉ. सुशील जी ने
बताया...
कुत्ता हिन्दू
नहीं होता है
कुत्ता मुस्लिम
नहीं होता है
कुत्ता क्षत्रिय
नहीं होता है
कुत्ता ब्राह्मिन
नहीं होता है
और तो और
कुत्ते का
रिजर्वेशन
नहीं होता है
काश !
कुत्ता होता मैं
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आज्ञा दें
दिग्विजय
वआआह...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन टच
शुभ प्रभात...
सादर
आभारी हूँ मेरे ब्लॉग के लिंक संकलन में शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआप सभी साहित्यकारों का और आपके लोकप्रिय ब्लॉग का आभारी हूं। जो हम क्षेत्रीय पत्रकारों के संघर्ष लेख को स्थान देकर सम्मान दिया।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति.. सभी रचनाए बढिया
जवाब देंहटाएंआभार।
बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्दा रचनाएँ
बढ़िया प्रस्तुति!!! आभार!!!
जवाब देंहटाएंसरल सहज सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाऐं बहुत सुंदर।
सभी रचनाकारों को बधाई
आज की सुन्दर रविवारीय हलचल प्रस्तुति के साथ
जवाब देंहटाएंले आये 'उलूक' के ब्लॉग जगत में पदार्पण की बात
याद आये ब्लॉगर वाचस्पति अविनाश जी और उनकी प्रेरणा
आभार दिग्विजय जी बना रहे स्नेह आपका
और रहे पाँच सूत्रों की हलचल भी इसी तरह से आबाद।
पुन: आभार।
सुन्दर संकलन और संयोजन.
जवाब देंहटाएंअच्छे पाठक.अच्छे रचनाकार.
सबका हार्दिक आभार.
जवाब देंहटाएंबेतरीन
सुंदर
आभार
सादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति है,मेरी रचना को शामिल करने के लिए सहृदय धन्यवाद सभी रचनाकारों को शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति है,मेरी रचना को शामिल करने के लिए सहृदय धन्यवाद सभी रचनाकारों को शुभकामनाएं
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