शंतनोतु हि सर्वदा मुदम् ।
प्रार्थयामहे भव शतायु:
ईश्वर सदा त्वाम् च रक्षतु ।
पुण्य कर्मणा कीर्तिमार्जय
जीवनम् तव भवतु सार्थकम्
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiK4KJAlJT4pEAF3CHp19CIVGpUzMUXF6v6v9kgG631Lf8ohq439RrSAoDTlaKccRM59ufZlx5LNr28TKlKruiB86PviliF_0iQ6WIbDWYtASq4Toghhem7WPN0yWHxdgfSa-7yfdNlVA0/s320/0+096.jpg)
दिशा में, वर्षा के पश्चात् लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला,
तथा बैंगनी वर्णो का एक विशालकाय वृत्ताकार वक्र कभी-कभी
दिखाई देता है। यह इंद्रधनुष कहलाता है। वर्षा अथवा बादल में
पानी की सूक्ष्म बूँदों अथवा कणों पर पड़नेवाली सूर्य किरणों का
विक्षेपण (डिस्पर्शन) ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण है।
सूर्य की किरणें वर्षा की बूँदों से अपवर्तित तथा परावर्तित होने के
कारण इन्द्रधनुष बनाती हैं। इंद्रधनुष सदा दर्शक की पीठ के पीछे
सूर्य होने पर ही दिखाई पड़ता है। पानी के फुहारे पर दर्शक के
पीछे से सूर्य किरणों के पड़ने पर भी इंद्रधनुष देखा जा सकता है।
अप्रतिम सौंदर्य और संदली ख़ुशबू जो आप सभी सृजनशील
रचनाकारों की प्रतिभा सम्पन्न लेखनी से प्रसवित हुई है,
उसे महसूस कीजिए। इंद्रधनुष के विविध रंगों से सराबोर
डूबकर रचनाओं का आनंद लेते हैं।
सबसे पहले पढ़िये हमारे अंक के विषय के
उदाहरणस्वरूप दिये जा रहे
आदरणीया मीना जी की रचना
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgL0Pu1yKwxO9R1wujM86JsDVTE4_RVYmCcozwWwtBEiGtltXQersoIZqPB9TiwvvgIETgFPnpWZgsDJiSlTCdHB8nnGND3A_mWBYr2Nlhyo-ClIRWMCXMoFVs4nGEaBTkivnIyX0DxdQw/s320/rainbow-mountains.jpg)
इंद्रधनुष,
आज तुम तोड़ो प्रथा और
गगन से उतरो जमीं पर !
अनछुए रंगों में लिपटूँ ,
मैं तुम्हारे गले लगकर
मुस्कुरा लूँ,आज जी भर !
तुम अगर दे दो इजाजत !
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
आदरणीय विश्वमोहन जी
इन्द्रधनुष
आसमानी ओढ़नी,
खनखनाती हरी चूड़ियाँ,
पसीजता पीतास मन पिता का!
फाड़कर चादर बादलों की
अपनी पीताभ किरणों से
पोंछता पसीने कपाल के
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
आदरणीया नीतू जी की दो रचनाएँ
बसंत देखो ऋतुराज का आगमन हो गया
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhzK5hd5xqZGTwZJ194CymHiRMnOrzRd5SS8-QTFJ9isTsG7Vau1YKO-V-IIsmtA_re5k2iZrl56MSnkGRYO9x1mv_sOJR0nJdWZSv9lBdU4T-ENVrBDv16IkgMMC8kw10PlKbwCtAop26-/s320/atriversedge.gif)
सारी मायूसियाँ अब विदा हो गई
मातमी सारा मंजर फ़ना हो गया
घाव पतझड़ के फिर सारे भरने लगे
खुशनुमा आज सारा चमन हो गया
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इंद्रधनुष:मधुर मिलन की परछाई
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgw5aDDoweCpR3MB7NCCg8NzrwClrw9mKkLjkCsnKYMzqaYwqRBYHv1PMjaPABMOq-PzRfKVkAm2RVtSP0Xg6DNnYra6bdB98lZz1_Fpv5zXXMwDcG3LW-CveV7wwLAlaECVpSDG1SoPezM/s320/rain_and_rainbow_gif_by_morpheus_avicenna_a-d4uv4r9.gif)
उस मधुर मिलन की परछाई
कुछ ऐसे रंग सजाती है
बटती है सात रंग में वो
और इंद्रधनुष बन जाती है
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
आदरणीय साधना दीदी
इंद्रधनुष
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhDlifCg9hiADK4vavcS1NCZcipuGh2HSE-PSir5N1d34NApe1Jc3js11YmILfZbrYqiHl8K5URrlPPwlPOx6tkESDnF_hGGiSA5IQYphwHtKrkMpnd_IQ1BVe8X7-ixTy4VbRbJtOJKwpm/s320/Rainbow.jpg)
स्वर्णिम टिकुली लगा ,
सतरंगी इन्द्रधनुष की
झिलमिलाती चूनर अपने
आरक्त आनन पर ओढ़
इठलाती इतराती
सबको विस्मय विमुग्ध
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
आदरणीय षुरुषोत्तम जी
इंद्रधनुष:धुन और रंग
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiDAXobUIPkbPQyRWGrSBDFedod8T5CH4x47aAmgmiEyDa5rTsowuirUH-BUGIt0KgKQ0WbteQ9ILwDEPmUy0LjFO9wtlDajqkpbSPXZaBODRvA5VQNWj43gmvqkp1rdvzQpZm1F_WiL9WV/s320/images-19.jpeg)
किसने कोशिश की जीवन रंग को
सीमित करने की?
जीवन के रंग तो हैं असीमित,
संभव नही कर पाना,
इनकी विविधताओं को सीमित
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आदरणीया कुसुम दी
इंद्रधनुषी स्वप्निल बचपन
मन उडता था आसमानों के पार कहीं दूर
एक झूठा सच, धरती आसमान है मिलते दूर ।
संसार छोटा सा लगता ख्याली घोडे का था सफर
एक रात के बादशाह बनते रहे संवर संवर ।
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आदरणीया अपर्णा जी की लेखनी से
इंद्रधनुष
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQUcNh5Exz1NHSVq8VDoW6lA8e8voEqXEp7zWHg7j6wffTKbAEyxsh01IqsvSTmuE0itoPOOP-XLyVhsoHcAd7IxhwxUmhnxGWK_tN1s-r81eq4ndKT0S9cJCEhDxYJ5nXOWB3l8JGWmmj/s200/rainbow.jpg)
इंद्रधनुष का नीला रंग
जब-तब कौंध जाता है
जब प्रकट करती है वह अपनी इच्छा
और बदले में मिलते हैं क्रोध के उपहार,
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प्यारी सखि दिबू की कलम से
लालिमा सा विस्तार
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiS_C79kysbWme0ixctzX3wDrNtNtIVxftlvL7i__UIFm12D6YWIHt9GVRfnG0olnTBGmwralk8eCpm_Di2c6MYbwz_FWcMYx-AZ7-qAApkHtYUdVlrZgHkhyphenhyphenCvyBg9qnGUDD8vJGBbEBfQ/s1600/%25E0%25A4%2587%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A6%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25A7%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25B7.%253D.jpg)
नारंगी सपनों
का....प्रेम की
लालिमा...सा विस्तार
इंद्रधनुषी...सपनो से
सजा-सँवरा
अपना संसार
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आदरणीय पंकज प्रियम् जी
इंद्रधनुष
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg2jgMFHdhCrcbTymLsi53KX62TY0eqelRUP5TE1T9z012H-vVWz9VFIooqKX79LYGQVk6pv_PPwy1Iq5ch4gEznX5-3IpYDk-a9-fvds4zGa0bwR_VrnGvdiKcxkNnki2DR30gQYrUxj8/s320/436171_M.jpg)
मतवाला है।
बारिश की बूंदों ने
आसमां रंग डाला है।
सूरज की किरणों ने
कितने रंग संभाला है।
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
आदरणीया सुधा जी
इंद्रधनुष
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgM0B_TiR7Q2MYnhUl2IsONF7E_dB4aIrzNV6UyWhpxzKk5biRem4RuO8G-U3HE254JQhvBWONp6i7WUJ-XNoJGXbD7E6rHFRswhyphenhyphenFXQ_ONpTasE5c8XYhP-NRbjC9rFUCLkr3JRDDtjjE/s320/back02.jpg)
नाचे मोर पंख फैलाए
महक उठी बगिया फुलवारी
वसुधा रोम रोम मुस्काए
जाए इंद्रधनुष पर वारी
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
आदरणीया डॉ. इन्दिरा गुप्ता
इंद्रधनुष
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgL0Pu1yKwxO9R1wujM86JsDVTE4_RVYmCcozwWwtBEiGtltXQersoIZqPB9TiwvvgIETgFPnpWZgsDJiSlTCdHB8nnGND3A_mWBYr2Nlhyo-ClIRWMCXMoFVs4nGEaBTkivnIyX0DxdQw/s320/rainbow-mountains.jpg)
नव रस नव रंग सरीखी
है नवरँगी नार
सात रंग के इन्द्रधनुष सा
उसके जीवन का सार !
सदा सुखद हो रंगोत्सव
ना सदा दुखद सी बात
धीमी आँच सा सुलगें
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
आदरणीया मीना गुलियान जी की लेखनी से
स्मृतियों का अवशेष हैं मेरे सपने
धरा से आकाश तक हिंडोला मेरा
चन्द्रमा की किरणें आके झुलाती हैं
शीतल बयार लोरी मुझे सुनाती है
तारों की चूनर चन्द्रमा का टीका
पहन इठलाती हूँ झूम जाती हूँ
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
आदरणीया आँचल जी
इंद्रधनुष काया
जब जागृत हुए सत रंग तुम्हारे
सौ सूर्य ऊर्जा तब तुझमें विराजे
इंद्रधनुषी आनंद तन पाए
आकर्षण से तेरे जग मन हर्षाए
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
आदरणीया रेणुबाला जी
जाने ये कौन चितेरा है -
ये विस्तार सौदर्य का -
अनुपम और अद्भुत है ये बेला ;
सपनो में रंग भरता है ये -
नील गगन का सतरंगी झूला
मौन दिशाओं में जगा गया स्पन्दन -
रच ये देव -धनुष का घेरा है -
जाने ये कौन चितेरा है ?
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
शुभ प्रभात सखी
जवाब देंहटाएंविषय विष्श पर लिखी रचनाएँ
इन्द्रधनुष तो एक ही है
उसे समझने-समझाने के तरीके
भिन्न-भिन्न है
सभी रचनाएँ अपनी जगह
अपना विशेष महत्व रखती है
मेरी दुलारी सखी को आभार
बधाइयों हेतु
सादर
सुप्रभात दी:),
हटाएंआपको जन्मदिवस की बहुत शुभकामनाएँ दी।आपका स्नेह आपका साथ सदैव बना रहे मेरे साथ।
बहुत आभार आपके निरंतर सहयोग के लिए।
जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएं!!!
जवाब देंहटाएंआदरणीय श्वेता जी, इतना प्यारा इन्द्रधनुष मैने पहले कभी नहीं देखा। इन सात रंगों को चटक बनाती रचनाओं के मध्य आदरणीय यशोदा दीदी का जन्मदिन और भी चमक दे गया इसे। दीदी की लम्बी उम्र की कामनाओं के साथ। सस्नेह आपको जन्मदिवस की बहुत शुभकामनाएँ दी।
जवाब देंहटाएंइंद्रधनुष विषय पर सृजन की मनोहारी काव्य छटा बिखेरी गई है समर्पित रचनाकारों द्वारा।
जवाब देंहटाएंएक विषय को परिभाषित करने का पृथक- पृथक दृष्टिकोण एक मंच पर पढ़ने को मिल रहा है।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
आदरणीया यशोदा बहन जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं।
आदरणीया श्वेता जी द्वारा प्रस्तुत इंद्रधनुष विषय की प्रस्तावना प्रभावशाली है। हम-क़दम के इस क़दम को काव्यात्मक ख़ूबसूरती के साथ प्रस्तुत करने के लिए बधाई।
सार्थक श्रम को नमन
जवाब देंहटाएंछोटी बहना को ढ़ेरों आशीष व असीम शुभकामनाओं संग हार्दिक बधाई 🌺🎂🌹🎂🌺🌹
उम्दा संग्रहनीय पोस्ट
इंद्रधनुष का विस्तृत वर्णन आकर्षक भुमिका, सुंदर प्रस्तुति मेरी रचना को शामिल करने के लिये तहे दिल से शुक्रिया। सभी रचनाऐं बहुत सुंदर बन पड़ी है सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंसखी यशोदा जी को जन्मदिन की ढेरों बधाइयाँ।
जीवन का कण कण मधुमय हो
मधुरस क्षिती पर बरसाओ
अंदर के अपने प्रसुप्ततम
भाव सुदिव्य जगाओ
सदा बढे सम्मान आपका
यश झुले में झूलो।
जन्म दिन आपके जीवन मे सतरंगी इंद्रधनुष सा मनभावन हो।
यशोदा जी को जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं 💐💐
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा संकलन
श्वेता जी के प्रभावशाली भूमिका के साथ इन्द्रधनुष की छटा और भी निखरी है। हर रचना अपने आप में विशेष स्थान लिए है।
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
आदरणीया यशोदा दी, को जन्मदिन की शुभकामनाएं।
धन्यवाद।
वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाएँ इंद्रधनुष की तरह ही आकर्षित है
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को खूब बधाई और मेरी रचना को मान देने के लिए अति आभार 🙏
आदरणीय यशोदा दीदी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏
आप सभी को सादर नमन
सुप्रभात 🙏
यशोदाजी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंप्रिय श्वेता जी -- सुप्रभात | आदरणीय बहना यशोदा जी को जन्म दिन की अंनत मंगल कामनाएं प्रेषित करने हुए अपार हर्ष हो रहा है |ईस्वर उन्हें उत्तम स्वास्थ्य और आत्मशक्ति प्रदान करे | साहित्य समाज का ये संतरंगी इन्द्रधनुष देख कर मन बहुत आह्लादित है सभी ने इन्द्रधनुष के रंगों में भावनाओं के अद्भुत रंग बिखेरे हैं | सभी को ये बेला मुबारक हूँ और हार्दिक शुभकामनाएँ | सभी रचनाएँ पढ़ी हैं | बहतरीन सृजन हुआ है | आपकी भी हार्दिक बधाई और शुभकामनायें | कुछ पंक्तियाँ मेरी ----------
जवाब देंहटाएंसज रे ! इंद्रधनुष यादो के -
बैठ नैन -झरोखे तुझे निहारूं मैं ;
तेरी सतरंगी आभा पर --
तन - मन अपना वारूँ मैं !!
वो पीपल छैयां, गाँव की गलियां -
वो नरम रात -दिन फागुन के ,
वो आंख मिचौली स्नेह और अनबन -
वो निश्छल संगी -साथी बचपन के
धार वक्त की दूर ले गई जिनको -
भाव - विहल हो उन्हें पुकारूं मैं !!
सहेजे सन्देश मनमीत के जो ,
पढ़ शब्दों में उससे मिल लूँ मैं ,
विचर मन की गलियों में
फिर से उन्ही पलों को जी लूँ मैं ;
डूबूं आकंठ इन घड़ियों में -
दुनिया की सुध बिसारूँ मैं !!
सज रे ! इंद्रधनुष यादो के -
सस्नेह ; सादर
इन्द्रधनुष पर इतनी मनोहारी रचनाएँ पढ़कर दिल बाग़ बाग़ हो गया. श्वेता जी ने बहुत सुन्दर, सार्थक और ज्ञानवर्धक भूमिका के साथ इन्द्रधनुष की छटा में चार चाँद लगा दिए. सभी रचनाकारों को बधाई. मेरी रचना को भी शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंआदरणीय यशोदा दी को जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. उनके होठों पर स्मित और जीवन में खुशियाँ हमेशा बनी रहें और हमें उनका आशीर्वाद हमेशा मिलता रहे.
श्वेता जी की मेहनत हर अंक को प्रभावशाली बना रही है. असीम शुभकामनाएं.
सादर
यशोदा जी,
जवाब देंहटाएंशुभ दिन की बधाई स्वीकारें, सपरिवार।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं यशोदा दी
जवाब देंहटाएंख्वाहिशों के समंदर के सब मोती तेरे नसीब हो;
तेरे चाहने वाले हमसफ़र तेरे हरदम करीब हों,
कुछ यूँ उतरे तेरे लिए रहमतों का मौसम,
कि तेरी हर दुआ, हर ख्वाहिश कबूल हो।
बहुत शानदार प्रस्तुति
इंद्रधनुष बहुत सुंदर होता है
और इतने सारे अगर एक साथ
वो भी अलग अलग भाव लिए
तो सोने पे सुहागा
बहुत बहुत बधाई सभी रचनाकारों को
और श्वेता जी आप को भी
इस शानदार प्रस्तुति के लिए
बहुत ही शानदार प्रस्तुति। आनन्द मय है ये प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी को बहुत बहुत बधाई। मेरी छोटी सी रचना को स्थान देने के लिए पूरी टीम को धन्यवाद।
बहुत ही शानदार प्रस्तुति। आनन्द मय है ये प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी को बहुत बहुत बधाई। मेरी छोटी सी रचना को स्थान देने के लिए पूरी टीम को धन्यवाद।
यशोदा जी को जन्मदिन की अनन्त शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंशुभ दोपहर.....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर.....
आदरणीय दीदी आप को.....
जन्मदिन की अशेष शुभकामनाएं!!!
सुन्दर संकलन जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ यशोदा जी.
जवाब देंहटाएंआदरणीया यशोदा दीदी को जन्मदिवस की अनंत शुभकामनाएँ । ईश्वर से आपके स्वस्थ, सुखी एवं दीर्घायु जीवन के लिए प्रार्थना करती हूँ।
जवाब देंहटाएंअनेक सुंदर रचनाओं के समन्वय ने हलचल को ही इंद्रधनुष बना दिया है आज ! अपनी रचना को यहाँ शामिल देख कर बहुत खुशी हो रही है। एक मराठी कविता कुछ समय पहले ही बच्चों को पढ़ाई है जो कुछ इस तरह है-
"इंद्रधनूचे रंग वेगळे, तरीही त्यांची एक कमान !
विभिन्नतेतही देश गातसे, एकत्वाचे गीत महान !"
अर्थात् इंद्रधनुष के रंग अलग है पर उनसे मिलकर बनी कमान तो एक है। उसी तरह हमारे देश में भी रंग बिरंगी विविधता में एकता का महान गीत गाया जाता है।
विश्वास है कि रचनाओं का यह इंद्रधनुष हमें एक दूजे से ऐसे ही जोड़े रखेगा.... प्रिय श्वेता बहन को बहुत बहुत बधाई इस रंगारंग प्रस्तुति के लिए । आभार के साथ....
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंयशोदा जी को जन्मदिवस की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ !
सर्वप्रथम यशोदा जी जन्मदिन की आपको अनंत अशेष शुभकामनाएं एवं ढेर सारी हार्दिक बधाइयां ! आपको जीवन की हर इच्छित निधि मिले और आपका हर दिन हर पल स्वास्थ्य, सुख, समृद्धि, सफलता से भरपूर रहे यही मंगलकामना है ! श्वेता जी आज की प्रस्तुति अद्वितीय है ! हलचल के इतने सुन्दर विविध रगों से युक्त इन्द्रधनुषी फलक में मेरे इन्द्रधनुष को भी स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम यशोदा दी आपको जन्मदिन की बहुत बहुत बधाइयाँ ईश्वर आपको अच्छा स्वास्थ्य लंबी उम्र दे और आपकी कलम से हमे ऐसे ही उम्दा रचनाएँ उपलब्ध होती रहे....आमीन
जवाब देंहटाएंआज की सभी रचनाएँ बहुत ही उम्दा बहुत सुंदर प्रस्तुति श्वेता जी
आदरणीया यशोदा जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं ...इतना खूबसूरत इन्द्रधनुष तो शायद ही कहीं देखा हो ..
जवाब देंहटाएंइन्द्रधनुषी हलचल आज बहुत ही अद्वितीय है ।सुन्दर मंच तैयार करने के लिए बहुत बहुत बधाई श्वेता जी !
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं ,यशोदा जी !
देरी की क्षमा सखी यशोदा जी 🙏
जवाब देंहटाएंजनम दिन की शुभ कामना सखी 💐
इन्द्र धनुष सा सतरंगा
जीवन हो रस राग सखी
सदा साथ रहे अपनो का
मन अनुराग प्यार सखी !
कर मै जो कर पकड़ा है
विश्वास सदा रहे उसमें सखी
अर्पण और समर्पण मै
आभास रहे सदा तेरा सखी !
मंगल कलश सजे द्वारे
सब शगुन हो तेरे साथ सखी
अरदास प्रभु से मेरी सुनना
यश मंगल भाल सजे ओ सखी!!
इंद्रधनुष के रंग सा
सतरंगी हर काव्य
एक शब्द ने रच दिये
कितने अद्भुत भाव !
अद्भुत संकलन .👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏
"दी" को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं, एवं इंद्रधनुष पर ज्ञानवरधक भुमिका रही आपकी.... !! इंद्रधनुष की उत्पत्ति से लेकर आसमान में उसके रंग कैसे बिखरते हे सारी महत्वपूर्ण जानकारी आपने दे डाली.! इसके लिए बहुत धन्यवाद आपका ..एंव साथ ही साथ एक और महत्वपूर्ण बात सात रंग क्या विविध रंगों से सजी इंद्रधनुषी छटा ने आज के पुरे हलचल प्रसारण में विविधता भर डाली, सभी रचनाएं ताजगी से भरपूर नवीनता लिए हुवे है किसी रचना में जीवन है ,किसी में प्रेम सहानुभूति विछोह,हर रंग हम-कदम है..इस शानदार उपलब्धि के लिए एक और बार अपको बधाई "दी"..इसी तरह से नये विषयों के साथ तत्पर सीखने की इच्छा प्रबल होती रहे।
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक संयोजन
सादर
यशोदा जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें , बहुत सुंदर संकलन साथ में ही सशक्त भूमिका ने रचनाओं का प्रभाव और बढ़ा दिया है|
जवाब देंहटाएं