दीपावली की शुभ कामनाएँ...
आज गोवर्धन पूजा है....
और साथ-साथ अन्नकूट भी है
अर्पण छप्पन भोग प्रभु को,.......करिये पूजा मनमोहन की
छप्पन भोग का रहस्य
ऐसा माना जाता है कि, माँ यशोदा बालकृष्ण को एक दिन में अष्ट प्रहर भोजन कराती थी। जब इंद्र ब्रज वासियों पर कुपित हुए तो प्रलयकारी वृष्टि करने लगे। कृष्ण ने सभी गौ, ग्वालों और गोपिकाओं को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठा लिया। इंद्र हठ में आ गए और सात दिन तक लगातार वारिश करते रहे। आठवें दिन इंद्र का घमंड चूर हुआ और इंद्र ने कृष्ण की शरण में आ कर क्षमा याचना की। वर्षा तो थम गयी लेकिन ग्वालों के साथ बाल कृष्ण सात दिन तक लगातार भूखे रह गए। व्रजवासियों और माँ यशोदा को कृष्ण का इतने लम्बे समय तक भूखा रहना बहुत कष्ट प्रद लगा। माँ यशोदा ने और सभी गोपिकाओं ने दिन में ८ प्रहर के हिसाब से ७ दिन के लिए ८ * ७=५६ प्रकार के भोजन बाल कृष्ण को सस्नेह अर्पित किये।
'आई दिवाली!'..... डॉ. राधिका गुलेरी
आई दिवाली! कुछ हैं बच्चे झोंपड़ी में रो रहे,
खुशियों-उमंगों से भरे सब स्वप्न उनके सो रहे,
आओ! कि जा के उन गुलों को फुलझड़ी पकड़ा दें हम,
चंद पल को ही सही ग़मों को उनके भुला दें हम।
दीप मेरे जल अकम्पित घुल अचंचल....महादेवी वर्मा
सिंधु का उच्छवास घन है
तड़ित तम का विकल मन है
भीति क्या नभ है व्यथा का
आँसुओं में सिक्त अंचल
स्वर अकम्पित कर दिशाएँ
मोड़ सब भू की शिराएँ
गा रहे आँधी प्रलय
तेरे लिए ही आज मंगल
.....
उपरोक्त दो रचनाएँ अनहद कृति से साभार...
आज की अंतिम रचना....
भारत रत्न आदरणीय अटल जी के कलम द्वारा प्रसवित...
आनंद की आभा होती है .....अटलबिहारी वाजपेयी
जब मन में हो मौज बहारों की
चमकाएँ चमक सितारों की,
जब ख़ुशियों के शुभ घेरे हों
तन्हाई में भी मेले हों,
आनंद की आभा होती है
उस रोज़ 'दिवाली' होती है ।
आज्ञा दीजिए यशोदा को
कल आदरणीय विभा दीदी का पिटारा खुलेगा
उम्दा प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंढ़ेरों आशीष संग असीम शुभकामनाएं छोटी बहना
चलो न्योत आएं भाइयों को
सुंदर!
जवाब देंहटाएंगोबर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाऐं।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संयोजन के साथ रोचक ,सरस प्रस्तुति लेकर आयीं हैं आदरणीया यशोदा बहन जी।
अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान नासा द्वारा प्रसारित दिवाली की रात का चित्र, छप्पन भोग की रोचक कथा और अमर रचनाओं से सजा आज का अंक ताज़गी बिखेर रहा है।
आभार सादर।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर,उम्दा लिंक संकलन ......
जवाब देंहटाएंशुभ संध्या...
जवाब देंहटाएंजय श्री राधे....
सादर.....