सादर अभिवादन
हिंदी साहित्य के समृद्धशाली इतिहास में अपनी विद्वता और संवेदनशील लेखन के द्वारा महिला रचनाकारों ने सशक्त उपस्थिति दर्ज करवायी है। महिला रचनाकारों का योगदान उल्लेखनीय रहा है।
हिंदी साहित्य के समृद्धशाली इतिहास में अपनी विद्वता और संवेदनशील लेखन के द्वारा महिला रचनाकारों ने सशक्त उपस्थिति दर्ज करवायी है। महिला रचनाकारों का योगदान उल्लेखनीय रहा है।
साहित्य का ५३वाँ सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार साल 2017 के लिए हिन्दी की शीर्षस्थ कथाकार कृष्णा सोबती(९२) को प्रदान किया जायेगा। इन्होंने हिंदी की कथा भाषा को विलक्षण ताज़गी़ दी है। इनके भाषा संस्कार के घनत्व, जीवन्त प्रांजलता और संप्रेषण ने समय के कई पेचीदा सत्य उजागर किए है।
वैसे साहित्यिक सृजनशीलता में स्त्री या पुरुष रचनाकार से फर्क नहीं पड़ता है। पाठकों से रचनाकारों की रचनाएँ संवाद स्थापित करने में कितनी सफल हैं, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।
अब चलिए आज की रचनाओं की ओर
विचारों के मंथन को प्रेरित करती
की कलम से बहुत सुंदर रचना
"पन्ना एक पलटने के बाद"

पन्ना एक पलटने के बाद
आ जाती वापस...
सुगंध एक मादक सी
काफूर हो जाता है
दर्द मन का..
खिल जाते हैं फूल
बिखरता है मकरंद
शरद ऋतु के आगमन का मनोहारी चित्रण करती
आदरणीया "मीना जी"
की गुनगुनी धूप सी मोहक रचना

लौट गईं नीड़ों को, बक-पंक्ति शुभ्र,
छिटकी नभ में, धवल चाँदनी निरभ्र !
रजनी के वसन जड़ीं हीरक कणिकाएँ,
सुमनों से सजे सृष्टि, जब शरद आए !!!
लफ्जों के मोती पिरोते
आदरणीय "लोकेश जी"
की शानदार गज़ल
"इतनी यादों की दौलत"

अश्क़ सरापा ख़्वाब मेरे कहते हैं मुझसे
ग़म की रेत पे बदन सुखाया जा सकता है
पलकों पर ठहरे आंसू पूछे है मुझसे
कब तक सब्र का बांध बचाया जा सकता है
प्रेरक रचनाओं की कड़ी में एक विचारणीय विषय जोड़ती
"आदरणीया सुधा जी"
की भावप्रवण रचना
आरक्षण और बेरोजगारी...

उजड़ा सा है जीवन, बिखरे से हैं सपने,
टूटी सी उम्मीदें , रूठे से हैं अपने.....
कोरी सी कल्पनाएं,धुंधली आकांक्षाएं...
मन के किस कोने में, आशा का दीप जलाएं ???
महिलाओं के सुरक्षा पर प्रश्न उठाती
युवा लेखक
आदरणीय "शिवम शर्मा जी"
का विचारणीय लेख

वाकई हमारी पुलिस व्यवस्था हमे हमारे थाना क्षेत्र या क्राइम क्षेत्र तक ही सुरक्षा देने मे सक्षम हैं? लोगों को सिर्फ थाना क्षेत्रो तक ही नहीं अपितु संपूर्ण देश में सुरक्षा चाहिए, परंतु इस घटना ने पुलिस व्यवस्था द्वारा किए गए दोहरेपन के व्यवहार को उजागर किया है तथा हम सभी को अपनी सुरक्षा के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है।
और अंत में चलिए
"आदरणीय राकेश जी"
के पक्षियों के सुंदर संग्रह से ज्ञानवर्द्धक और
रोचक संसार में
रोचक संसार में

बाया या सोनचिड़ी भारतीय उपमहाद्वीप और
दक्षिणपूर्व एशिया में पाए जाने वाला एक दर्जी पक्षी है।
ये आकर्षक लटके हुए घोसले बनाते है। इनके घोंसले कालोनियों को आमतौर पर कांटेदार वृक्ष या ताड़ के पेड़ पर होते हैं। इनके तीन मुख्य उपप्रजातियां हैं: फिलिपिनस मुख्यतः भारत के माध्यम से पाया जाता है जबकि बरमैनिकस को दक्षिणपूर्व एशिया के पूर्व में एवं त्रावणकोरेंसिस प्रजाति दक्षिण-पश्चिम भारत में पाया जाता है।
दक्षिणपूर्व एशिया में पाए जाने वाला एक दर्जी पक्षी है।
ये आकर्षक लटके हुए घोसले बनाते है। इनके घोंसले कालोनियों को आमतौर पर कांटेदार वृक्ष या ताड़ के पेड़ पर होते हैं। इनके तीन मुख्य उपप्रजातियां हैं: फिलिपिनस मुख्यतः भारत के माध्यम से पाया जाता है जबकि बरमैनिकस को दक्षिणपूर्व एशिया के पूर्व में एवं त्रावणकोरेंसिस प्रजाति दक्षिण-पश्चिम भारत में पाया जाता है।
आज के लिए बस इतना ही