भाई संजय आज नही हैं
बीमा कम्पनी में विक्रय अधिकारी हैं वे
उनको जनवरी से मार्च तक विश्राम
नहीं मिलता
आकी प्रस्तुति में...
"मन पाए विश्राम जहां में".....अनीता
"पूर्वाभास में 25 हाइकू".....संतोष कुमार सिंह
आया बसंत
बिहँस उठे भृंग
सुनायें छंद।
"कविता मंच में"..... साधना वैद
रसोई से बैठक तक,
घर से स्कूल तक,
रामायण से अखबार तक
मैने कितनी आलोचनाओं का ज़हर पिया है
तुम क्या जानो !
बस आज यहीं तक
आज्ञा देँ
यशोदा
सुप्रभात.पाँच लिंकों के आनंद के आज के संकलन के लिए बधाई..सुंदर सूत्र..आभार !
जवाब देंहटाएंबढ़िया ।
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात....
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन।
सुन्दर संकलन है आज का भी, हमेशा की तरह ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिअ आभार ।
सुन्दर संकलन है आज का भी, हमेशा की तरह ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिअ आभार ।
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंआभार!
आज की हलचल में कविता मंच के सौजन्य से अपनी रचना को देख सुखद अनुभूति हुई ! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी !
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