निवेदन।


फ़ॉलोअर

मंगलवार, 17 जुलाई 2018

1096 किसी किसी आदमी की सोच में हमेशा ही एक हथौढ़ा होता है

सादर अभिवादन..
मंगल का दिन संशय विहीन कभी नही रहा
अब चार महीने उछल-कूद जारी रखेगी बारिश,
हमारे साथियों को रोज तैय्यारी के साथ रहना होगा
कभी भी कहा जा सकता है कि आज आप प्रस्तुति लगाइए
सिर्फ अक्टूबर तक....हिमांचल मे सिर्फ दो नेटवर्क है
बीएसएनएल और एयरटेल जिसमें बीएसएऩएल तो
फूंक की आवाज से ही बंद हो जाता है
बन्द नही होता है तो यह ब्लॉग...बस
आइए सैर करते हैं पटना की
अर्चना दीदी के साथ
सुखद संयोग कि पिछले दिनों मैंने  भाभी,पल्लवी और मायरा के 
साथ पटना स्थित शक्तिपीठ "पटनदेवी" के दर्शन किये,यहां 
सती की दाईं जंघा गिरी थी,दीवार पर यही कहानी लिखी हुई है 
जो आपने बताई शिव द्वारा शव लेकर घूमना और विष्णुजी 
द्वारा 52 टुकड़े करना .... मंदिर एकदम संकरी गली में स्थित 
है ,बहुत छोटा सा मंदिर और बिलकुल लगे लगे ऊंचे मकानों से घिरा 
है पार्किंग की बहुत सीमित जगह ,पूजापे प्रसाद की दुकान वाले ही 
एक एक गाड़ी खड़ी करवा लेते हैं हम 1:50 पर दोपहर में पहुंचे ,
मंदिर के गर्भद्वार पर ताला लगा था,पूछने पर पता चला 2 बजे खुलेगा, कुछ नव विवाहित जोड़े पूजा के लिए परिवार सहित आये थे ,जैसे ही 2 बजे एक पंडित जी ने लाईन में लगने वाली जगह का 
ताला खोला और सब तुरंत पंक्तिबद्ध हो गए

आदरणीय डॉ. इन्दिरा गुप्ता का सवाल
हर तरफ है मलाल क्या कीजे !

जिसे समझते रहे वो गुरूर मेरा 
हमारा था मिजाज क्या कीजे !

वो गुरूर सर पे उठाये चले गये 
ऐसा नहीं अपना ख्याल क्या कीजे !

पहली बार इस ब्लॉग में
भाई नीरज त्यागी..
आई 
मस्ती  छलकी
मन मयूर मचला
 सुंदरी वो थिरकी/
बूंद बूंद फुहारें 
बनी नरम चादर 

स्त्री हैं हम 
हमारा कोई 
स्थायी पता नहीं होता 
जहाँ हम पैदा 
होतीं हैं वहां 
ताउम्र रहतीं नहीं 
जहाँ उम्र गुजरती हैं 

image not displayed
भूख उसको भले पहले'खाती नहीं
दुःख हों  लाख ही पर जताती नहीं

नित्य  जल्दी जगे  काम  सारा करे
बाद  भी  वो  यहाँ प्यार पाती नहीं

घुट रही  ओट में  और रस्मों में' वो
लोग  कहते  उसे लाज आती नहीं


उलूक टाईम्स से
मत उलझा 
कर ‘उलूक’ 
भीड़ को 
चलाने वाले 
ऐसे बाजीगर से 
जो मौका मिलते ही 
कील ठोक देता है 

अब तो समझ ले 
बाजीगरी बेवकूफ 

अब बारी है हम-क़दम हेतु विषय की
अट्ठाइसवाँ अँक...
हम-क़दम 
सभी के लिए एक खुला मंच
आपका हम-क़दम अट्ठाईसवें क़दम की ओर
इस सप्ताह का विषय है
'हिंडोला'
...उदाहरण...
हिंडोला कुँज वन डालो झूलन आईं राधिका प्यारी
कहे के खंभ लगवाए कहे की लगी डोरियाँ प्यारी
सोने के खंभ लगवाए रेशम लगी डोरियाँ प्यार
हिंडोला...
कहाँ से आये श्याम बनवारी कहाँ से आई राधिका प्यारी
गोकुल से आये बनवारी मथुरा आइ राधिका प्यारी
हिंडोला...
कि झोंका धीरे से दे ओ हमें डर लगता भारी
डरो मत राधिका प्यारी हमें तो तुम जान से प्यारी
हिंडोला...

उपरोक्त विषय पर आप सबको अपने ढंग से 
लोकगीत बनाइये

आप अपनी रचना शनिवार 21 जुलाई 2018  
शाम 5 बजे तक भेज सकते हैं। चुनी गयी श्रेष्ठ रचनाऐं आगामी सोमवारीय अंक 23 जुलाई 2018  को प्रकाशित की जाएगी । 
रचनाएँ  पाँच लिंकों का आनन्द ब्लॉग के 
सम्पर्क प्रारूप द्वारा प्रेषित करें

आज बस
आज्ञा दें
यशोदा





13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति आदरणीया यशोदा जी सादर आभार आपका

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर भूमिका और दमदार रचनाओं से रची आज की प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी दी।
    सारी रचनाएँ एक बढ़कर एक है..शानदार सकंलन👌

    जवाब देंहटाएं
  3. उम्दा रचनाएँ
    सुंदर प्रस्तुतिकरण

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति। आभार यशोदा जी 'उलूक' के सोच के हथौड़े को शीर्षक पर स्थान देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  5. तैयार रहेंगे आदेश के इंतज़ार में
    सस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना
    बढ़ियाँ प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह!!यशोदा जी ,बहुत शानदार प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत खूबसूरत प्रस्तुती
    थोड़ा मुश्किल मगर सुन्दर विषय 👌👌👌

    जवाब देंहटाएं
  8. क्या बात आपके पांच लिंक की सदा मन भाती भूमिका और सरस काव्य परोसती है ....मेरे जैसे कावियौ की रचना समाहित कर लेखन उत्साह बढ़ाती है ....धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  9. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  10. .......... Jai Shri Radhe Krishna.........

    टूटा फूटा मैं लिखूं , जानू नहीं विधान
    धन्यवाद सब सुधिजनो , रखा कलम का मान
    - नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष

    मेरी रचना को अपने ब्लॉग ( हलचल पांच लिंक )पर स्थान प्रदान करने के लिए
    आप सभी का आत्मिक आभार , मुझे अच्छा लगा की आप सभी ने मेरे ब्लॉग पर
    आकर मेरी रचनाओं को पढ़ा व् आप सभी वरिष्ठजनों के मध्य स्थान प्रदान किया

    : नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष
    श्रोत्रिय निवास बयाना
    +91 95 4989-9145

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...