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बुधवार, 31 जनवरी 2018

929..इक बगल में चाँद होगा इक बगल में रोटियाँ...




हार्दिक शुभेच्छा


साल का पहला महीना के आखिरी दिन..

पर जिक्र पहली फरवरी की वजट की ओर कि..

हर किसी की आस ..


वजट में उसके लिए क्या हैं खास

उम्मीदों और अकांक्षाओं का उजास,

आर्थिक नितियों का विकास 

सीमित विकल्प में बेहतर करने का प्रयास..



आशान्वित के साथ अब निगाह डाले आज की लिकों की ओर..✍



रचनाकारों के नाम क्रमानुसार देखें..

आदरणीय चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ जी,  आदरणीय  राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर जी,

आदरणीय अंशु माली रश्तोगी जी,

आदरणीय   विश्वमोहन जी,

आदरणीया  अलकनंदा सिंह जी,

आदरणीया  मीना गुलियानी जी..








भले ही बेलने को रोटियाँ बेलन उठाते हैं

लगे पर ठोंकने मुझको अभी बालम जी आते हैं

सितारों से मेरा दामन सजाने की अहद कर वो

मेरे सीने पे तोपो बम व बन्दूकें चलाते हैं


क्या करें, ये जंक फ़ूड के अलावा कुछ खाता ही नहीं,अभी ये महाशय दो साल के नहीं हुए हैं पर कोल्डड्रिंक का स्वाद पहचानते हैं, इन्हें देख लो,मोबाइल इनका सबसे प्यारा खिलौना है, कुछ समझ में नहीं आता कि क्या किया जाये, किसी भी बात की जिद पर रोता-सर पटकने लगता है



मैं चिंतित हूं। जानता हूं, चिंता को चिता समान बताया गया है। फिर भी मैं चिंतित हूं। आप मेरी चिंता का रहस्य जानेंगे तो आप भी निश्चित ही चिंतित हो उठेंगे।
मैं चिंतित इस बात से नहीं कि लोकतंत्र खतरे में है! हमारा लोकतंत्र कभी खतरे में हो ही नहीं सकता। मैं जानता हूं- सेना, सरकार और नेता लोग मिलकर लोकतंत्र की बेहतर तरीके से रक्षा कर रहे हैं।



रस  घोला है  फिर चेतन  का /
शरमायी सुरमायी कली में,  
शोभे  आभा  नवयौवन  का //
डाल डाल  पर  नवल  राग में,
प्रत्यूष पवन का मृदु प्रकम्पन/
लतिका ललना की अठखेली में, 



भविष्‍य के हाथों में खंजर देकर देख लिया, अब गिरेबां में झांकने का वक्‍त

बच्‍चों में फैलती हिंसा पर पिछले कुछ दिनों में इतने लेख लिखे  गए हैं कि समस्‍या पीछे छूटती गई और लेखकों के अपने विचार  हावी होते गए। लेखकों में से कोई सरकारी नीतियों को, तो कोई  परिवारों के विघटन को और कोई सामाजिक ताने बाने को ध्वस्‍त  करते टीवी मोबाइल 



इस तरह ओझल हुए मेरी जिंदगी से

सारे रिश्ते जैसे टूट गए हों मुझसे

आँखों से दरिया इस कदर बहता न था

जाने ऐसी क्या ख़ता हो गई  मुझसे..


इसी के साथ आज बातें यहीं तक...आनंद ले ..

इक बगल में चाँद होगा इक बगल में रोटियाँ...






।।इति शम।।

धन्यवाद 

पम्मी सिंह..✍


एक क़दम आप.....एक क़दम हम
बन जाएँ हम-क़दम अब चौथे क़दम की ओर 
इस सप्ताह का विषय है
:::: इन्द्रधनुष ::::
उदाहरणः
इंद्रधनुष,
आज रुक जाओ जरा,
दम तोड़ती, बेजान सी
इस तूलिका को,
मैं रंगीले प्राण दे दूँ,
रंगभरे कुछ श्वास दे दूँ !
पूर्ण कर लूँ चित्र सारे,
रह गए थे जो अधूरे !

आप अपनी रचनाऐं शनिवार 3  फरवरी 2018  
शाम 5 बजे तक भेज सकते हैं। चुनी गयी रचनाऐं 
आगामी सोमवारीय अंक 05 फरवरी 2018 में प्रकाशित होंगीं। 
इस विषय पर सम्पूर्ण जानकारी हेतु हमारा पिछले गुरुवारीय अंक 
11 जनवरी 2018 को देखें  या नीचे दिए लिंक को क्लिक करें 
सादर



22 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात सखी
    बेहतरीन रचनाएँ चुनी आज
    अलविदा जनवरी 2018
    अब हम आपसे कभी नहीं मिलेंगे
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात पम्मी जी,
    ध्यान आकर्षित करती भूमिका के साथ सुंदर सराहनीय रचनाओं के गुलदस्ते से सँवारी हुई सुघड़ प्रस्तुति।
    सभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगी।

    जवाब देंहटाएं
  3. पम्मी जी वीडियो बहुत अच्छा लगा👌👌

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन....
    सुन्दर वीडियो...

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति। सभी रचनाऐं बहुत कुछ कहती सी।
    रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. पम्मी जी एक बगल मे चांद वाला विडियो लाजवाब है बहुत उम्दा।

    जवाब देंहटाएं
  7. शानदार अंदाज..पठनीय रचनाएँ...बधाई व आभार !

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह!!.बहुत ही उम्दा संयोजन। लाजवाब वीडियो ।

    जवाब देंहटाएं
  9. सार्थक भूमिका पम्मी जी और बेहद खूसूरत लिंक संयोजन
    साधुवाद आपको
    सभी रचनाकारों को बधाई
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।वीडियो बहुत अच्छा लगा । चाँद पर रोटी की चादर डाल कर सो जाएंगे ..... वाह !अप्रतिम
    ।सादर

    जवाब देंहटाएं
  11. वीडियो पर मेरा पसंदीदा गीत सुनाने के लिए विशेष धन्यवाद । बेहतरीन प्रस्तुति के साथ सुंदर रचनाओं का संयोजन । सादर धन्यवाद आदरणीय पम्मी जी । सभी रचनाकारों को भी बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  12. क्या इत्तफाक है, चाँद पर रोटी की चादर बिछते ही ग्रहण लग गया आज! आपके ख़ास अंदाज़ में बेहतरीन प्रस्तुति !!!

    जवाब देंहटाएं
  13. मनमोहक प्रस्तुति
    सभी रचनाकारों को भी बधाई

    जवाब देंहटाएं
  14. वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीया पम्मी जी।
    सभी बेहतरीन रचनाओं के साथ साथ वाचन युक्त कविता का वीडियो बेहतरीन है।
    इस अंक के लिए चयनित सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
    आदरणीया पम्मीम्मी जी को शानदार प्रस्तुति के लिए बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत अच्छी प्रस्तुति , वीडियो बहुत पसंद आया |

    जवाब देंहटाएं
  16. वाह ! खूबसूरत लिंक संयोजन ! लाजवाब !! बहुत खूब आदरणीया ।

    जवाब देंहटाएं

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