जय मां हाटेशवरी....
कल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 146वीं और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 111वीं जयंती मनाई गई।....हमे आजाद हुए सात दशक हो गये। देश ने हर क्षेत्र में किर्तिमान भी स्थापित किये हैं....
पर हम स्वच्छता में इतने पिछड़े कैसे रह गये....जहां भी देखो सफाई अभियान, की ही चर्चा है....
इस सफाई अभियान, के चक्कर में....मैं प्रस्तुति लगाना ही भूल गया था....
चलो दोनों काम पूरे हो गये....
हैप्पी बर्थ डे टू यू बापू ‘उलूक’ दिन में मोमबत्तियाँ जलाता है
‘बापू’
इतना सब कुछ
होने के बाद भी
अभी भी तेरा चेहरा
रुपिये में नजर आता है
चश्मा
साफ सफाई
का सन्देश
इधर से उधर
करने में काम में
लगाया जाता है
अब तो मुझे सोने दो
बंद करो श्रद्धा और भक्ति का
यह झूठा अभिनय,
यह देशप्रेम और नैतिकता की बातें
जो हो रहा है वह होने दो,
मत डालो मेरी अंतरात्मा पर
राष्ट्रपिता होने के दायित्व का
और गुरुतर बोझ
मैं थक गया हूँ बहुत
अब तो मुझे चैन से सोने दो !
ऊबते देखे गए
हाथ में खंजर लिए कुछ लोग आए शहर में,
सुना हे मेरा ठिकाना पूछते देखे गए।
रूठने का सिलसिला कुछ इस तरह आगे बढ़ा,
लोग जो आए मनाने रूठते देखे गए।
मनबावरा .....
भारी सामान नहीं मन होता है .... दो तीन किलो सामान लेकर चलने में ही हाथों में दर्द अनुभव होने लगता है जबकि नौ महीने का गर्भकाल ,जो दिनोदिन शिशु की सृजनात्मक वृद्धि का होता है ,आत्मा तक को हल्कापन अनुभूत कराता है .......
ये कैसा दशहरा
उठो नागरिक,
अब बनो राम
दो दश-आनन को ज्ञान दान,
शर चाप सँभालो फिर से तुम,
दस आनन धड़ छोड़ गिरें
राक्षस सेना बेहोश मरे,
फिर रामराज्य आ जाए यहाँ,
रावण कहीं भी जाए समा.
मेरा रौनक
उम्मीद सोई थी वर्षों तलक
आज जागी है करीने से !
तुम आये तो रौनक आया
एक जरिया मिला है जीने से...!
डॉ. सुशील भाई को
उनके जन्म दिवस की
विलम्बित शुभकामनाएँ....
धन्यवाद।
शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति
सादर
मेरी रचना को आपने सराहा, इसमें स्थान दिया ...
जवाब देंहटाएंआभार.
बहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंऊषा स्वस्ति।
जवाब देंहटाएंवाह ! कुलदीप जी बेहतरीन प्रस्तुति।
सभी विचारणीय सारगर्भित सूत्रों का चयन।
आपकी भूमिका में छुपा व्यंग बहुत मारक है।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
सादर आभार।
सुन्दर प्रस्तुति। आभार कुलदीप जी 'उलूक' के पन्ने को भी शामिल करने के लिये।
जवाब देंहटाएंऔर जन्मदिन शुभकामनाओं के लिये भी आभार।
हटाएंआदरणीय कुलदीप साहब शुभ प्रभात आज का अंक विशेष लगा ,विशेषकर
जवाब देंहटाएंअब तो मुझे सोने दो,संकलन तार्किक व विचार करने को विवश करती हैं।
उम्दा !
आदरणीय सुशील साहब को उनके बीते जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
आभार "एकलव्य"
आभार ध्रुव जी।
हटाएंआदरणीय कुलदीप जी,
जवाब देंहटाएंबहुत ही सराहनीय संकलन है आज का,सारे लिंक बहुत ही उम्दा है।सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।
धन्यवाद, कुलदीप जी ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अंक। बेहतरीन प्रस्तुति। सभी रचनाकारों को बधाइयाँ
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सूत्रों का चयन आज की हलचल में ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार कुलदीप भाई !
जवाब देंहटाएंआदरणीय कुलदीप जी,
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया
सारे लिंक बहुत ही उम्दा है।सभी चयनित रचनाकारों को बधाई..
धन्यवाद
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति करण के साथ उम्दा लिंक संकलन....
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