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शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

3961.....रोशनी की चकाचौंध में...

शुक्रवारीय अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन।
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एक ठंडा, उनींदा दिन
पलक झपकते ही
गुलाबी दुशाल लपेटकर 
गुलाब,गुलदाउदी ,गेंदा की क्यारियों से
तितलियों,भौंरों के परों पर उड़ता हुआ
केसरी होकर स्याह मौन साँझ में समा जाता है।

 सिहराती ठंड में नर्म ऊन के गोले लपेटते एहसासों से 
 इतर... हर वर्ष की भाँति ...
सर्दी और कोहरे के कारण हवाएँ दमघोंटू होती जा रही हैं। कोहरे में तक़रीबन बाईस क़िस्मों के ज़हर तैर रहे हैं। वायु-गुणवत्ता संकुचित हो रही है। दृश्यता घट रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार वायु-गुणवत्ता सूचकांक 430 पर आ गया है। इस स्तर की हवा को गंभीर वायु-गुणवत्ता की श्रेणी में रखा जाता है। कई प्रदेशों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। कम से कम आधा दर्ज़न राज्यों में तो रेड अलर्ट जारी है, जहाँ का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर नीचे चल रहा है। उत्तर भारत के 74 फ़ीसदी लोगों में विटाममिन बी-12 की कमी पाई गई है।
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आइये अब आज की रचनाएँ पढ़ते हैं-


कबूतर हों या कौऐ हों हवा अपनी ही उड़ाते हैं  
चूहे बड़े शहर के भी हों खोहें अपनी बनाते हैं
‘उलूक’ कोटर से थोड़ा सा झाकने से ही बस तेरे
नजदीकी तेरे अपने कुछ सनकते हैं कुछ कसमसाते हैं |

अनुभव निस्तेज था
तीक्ष्ण दुःख तेज़ था
चेहरे जरूर बदल गए थे 
ताप में अहसास कुछ गल गए थे

मगर मैं देखता रहा निर्बाध
क्षमा किए सबके अपराध 
क्योंकि वो दुःख था
शिकायतें सुख की चीज थी।


मीडिया मंच के इस तरह के कार्यक्रम का हासिल क्या होता है यह बताने की जरूरत नही लेकिन कम से कम मीडिया मंच इतना तो करे कि ज्ञान उड़ेलने वाले ज्ञानियों के ज्ञान के ज्ञान को एक बार टटोले तो तब उन्हें मंच दे।
और आदरणीय मंचीय साहित्यकार आप भी सचेत हो भावी पीढ़ी का मन प्रश्नाकुल है तो आप भी प्रीतिकर तर्क प्रतितर्क करना सीख लीजिए , क्योंकि अब विरूपित तर्क नही चलेगा।

बस इतना ध्यान रखना  
कि इसके फंदे ही स्वेटर हैं,
उन्हें हटाने की कोशिश मत करना,
वरना सिर्फ़ धागे रह जाएंगे हाथ में,
धागे तुम पहन नहीं पाओगे।


 चिनार की छाँव में...

पश्मीना और तूत की शालें भी हमने देखीं, जो बहुमूल्य ऊन से बनी गई थीं, जिनका निर्यात विदेशों में भी होता है। कश्मीर के कालीन मुख्य रूप से शुद्ध ऊन, शुद्ध रेशम और कभी-कभी ऊन और रेशम के मिश्रण का उपयोग करके बनाए जाते हैं। अपनी असाधारण कारीगरी के कारण दुनिया भर के पारखी लोगों द्वारा सबसे अधिक मांग वाली कलाकृतियों में से एक हैं।



चंद्रमा तुम यकीनन सोच रहे होगे कि तुम्हारे चेहरे पर भी तो बादलों की काली बदली कई बार आकर तुम्हें सताती है मैं जानता हूं कि ये सच है लेकिन यकीन मानो तो सही वो बदली तुम्हारी दमक के आहरण को नहीं आती है, वो बदली बेचारी दो पल भी कहां ठहरती है उसे तो पानी का बोझ उठाए योजन सफर जो तय करना होता है।  


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आज के लिए इतने ही
मिलते हैं अगले अंक में
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7 टिप्‍पणियां:

  1. वर्षांत माह
    सुखद होता है
    प्रतीक्षा का माह
    बेसब्री रहती है
    बेहतरीन अंक
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात ! उत्तर भारत में वायु प्रदूषण के आँकड़े वाक़ई डराने वाले हैं, ऐसे में अपने स्वास्थ्य का अति ध्यान रखने की आवश्यकता है। सराहनीय रचनाओं से सजा सुंदर अंक, आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार वायु-गुणवत्ता सूचकांक 430 पर आ गया है। इस स्तर की हवा को गंभीर वायु-गुणवत्ता की श्रेणी में रखा जाता है...
    प्रकृति और पर्यावरण की किसको पड़ी है
    सारगर्भित भूमिका के साथ लाजवाब प्रस्तुति
    सभी लिंक बेहद उम्दा एवं पठनीय ।

    जवाब देंहटाएं

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