उन्होंने नया नेटवर्क ले लिया है....
अब वे "जियो" के साथ जिएँगे...
वे नया सेटअप करवाने में व्यस्त हैं
अगले सप्ताह से वे निर्बाध रूप से आया करेंगे
आज फिर हमारी पसंद को सहन कर लीजिए.....
चलते-चलते एक कतरन जो उलूक टाईम्स की है
पते की बात है उसमें...
पर हर कहानी
एक जगह नहीं
बना पाती है
कुछ छपती हैं
कुछ पढ़ी जाती हैं
अपनी अपनी
किस्मत होती है
हर कहानी की
उस किस्मत के
हिसाब से ही
एक लेखक और
एक लेखनी
पा जाती हैं
एक बुरी कहानी
को एक अच्छी
लेखनी ही
मशहूर बनाती है
-*-*-*-
हम-क़दम
सभी के लिए एक खुला मंच
आपका हम-क़दम का उन्तीसवाँ क़दम
इस सप्ताह का विषय है
'किस्मत'
...उदाहरण...
मानना होगा इसे और
करना होगा संतोष
क्योंकि - वक्त से पहले और
किस्मत से ज्यादा नहीं मिलता
किसी को भी, कभी भी कुछ।
किस्मत भी बनाना पड़ता है -
सदैव कर्मरत रहकर।
कर्मों का यही हिसाब देता है
हमको वह फल, जो आता है
इस लोक और परलोक में
दोनों ही जगह काम।
-देवेन्द्र सोनी
उपरोक्त विषय पर आप सबको अपने ढंग से
कविता लिखना है.....
आप अपनी रचना शनिवार 28 जुलाई 2018
शाम 5 बजे तक भेज सकते हैं। चुनी गयी श्रेष्ठ रचनाऐं आगामी सोमवारीय अंक 30 जुलाई 2018 को प्रकाशित की जाएगी ।
रचनाएँ पाँच लिंकों का आनन्द ब्लॉग के
सम्पर्क प्रारूप द्वारा प्रेषित करें
-*-*-
आज्ञा दें यशोदा को ..
सस्नेहाशीष संग शुभ प्रभात छोटी बहना
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन
बहुत सुंदर रचनाओं से सजा शानदार संकलन है दी...👌
जवाब देंहटाएंहमक़दम का नया विषय रोचक है।
सादर।
सुंदर संकलन ... नए लिंक्स का शुक्रिया ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ..
बेहतरीन संकलन मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सरस संकलन ।
जवाब देंहटाएंकहीं राग कहीं रस कहीं व्यंग कहीं तंज कहीं यथार्थ कहीं कल्पना सभी को समेट लिया एक चर्चा पर अतिउत्तम ।
सभी रचनाकारों को बधाई ।
वाह!!खूबसूरत संकलन.!!सभी रचनाकारों को अभिनंदन ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति। आभार यशोदा जी 'उलूक' की एक पुरानी कतरन को भी जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंसादर आभार सखी यशोदा जी हमेशा की तरह पांच लिंकों का आनंद आनंद दे गया नमन
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई सुंदर संकलन यशोदा जी सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक
जवाब देंहटाएंBahut hi sundar links sabhi....mujhe jodne k liye hardik aabhar :)
जवाब देंहटाएंआदरणीय दीदी -- आज के संकलन में बहुत कुछ नया मिला | इधर कुछ दिनों से यहाँ लिख नहीं पायी पर पढ़ बराबर रही हूँ| सभी रचनाकारों को शुभकामनायें | सादर
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन। कल नहीं पढ़ पाई थी, आज पढ़ा। अच्छे लिंक्स हैं, सादर आभार साझा करने के लिए।
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