---

गुरुवार, 5 दिसंबर 2024

4328...और एक दिन शून्य बन जाता है मन...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीया अनीता जी की रचना से।

सादर अभिवादन।

आइए पढ़ते हाँ आज की पसंदीदा रचनाएँ-

युद्ध में मारे गए सैनिकों के बच्चे

क्या होती है

भौगोलिक सीमाएं

इस पार की जमीन

और उस पार के जमीन

के बीच क्या फर्क है

क्या जानना चाहते होंगे

युद्ध में मारे गए सैनिकों के बच्चे

क्या आपको पता है ?

मुझे तो बिलकुल भी नहीं पता !

*****

शून्यता

और एक दिन

शून्य बन जाता है मन

कृतज्ञता भर जाती है पोर-पोर में

उसके लिए

उसी के द्वार से आती है सदा

दिव्यता की झलक

गंध अदृश्य की

संगीत उस अमूर्त का

*****

भावुक मन, भावमय रहना 

क्लांत पथिक की

कठिन राह पर

शीतल जल कूप बनना।

*****

जीवन की संध्या में

नमी लेकर

धूप आगे बढ़ी है

फिर ओस से,

दूब की फुनगियाँ

खड़ी अफसोस से।

*****

1441 माहिया 

दरवाज़ा खड़का है
शायद वो आए
मेरा दिल धड़का है।

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

4 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात ! सुंदर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरे ताॅंका को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, आभार।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात ! सुंदर प्रस्तुति, 'मन पाये विश्राम जहां' को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार रवींद्र जी !

    जवाब देंहटाएं
  4. धन्यवाद, रवींद्र जी। अलग-अलग रंग में पगी भावनाओं और भावुक मन का क्या खूब जमघट हुआ ! सभी रचनाकारों को और आपको बधाई और शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।