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गुरुवार, 25 मई 2023

3768...लौटने का वादा किया लेकिन लौट कर नहीं आया...

शीर्षक पंक्ति:आदरणीय शांतनु सान्याल जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

गुरुवारीय अंक में पाँच रचनाएँ लेकर हाज़िर हूँ-

कॉकरोच से गुफ्तगू

पर जाने दे

माफ़ कर देता हूँ

एक वादे पे

दिलकश मंज़र--

अजीब है ये दर्द ए ला इलाज, यकसां जीना मरना,
लौटने का वादा किया लेकिन लौट कर नहीं आया,

शायरी | हमारी भूल थी | डॉ (सुश्री) शरद सिंह

राजदंड सेंगोल: इत‍िहास के आइने से लेकर सेंट्रल व‍िस्टा तक

सेंगोल को उस समय तमिलनाडु के प्रसिद्ध स्वर्णकार वुम्मिडी एथिराजुलु और वुम्मिडी सुधाकर ने 10 शिल्पकारों के दल के साथ बनाया था. इसे चांदी से तैयार किया गया था और उसके ऊपर सोने की परत चढ़ाई गई थी. इस काम में 10 से 15 दिन लगे थे. सेंगोल बनाने वाले वुम्मिडी भाइयों के मुताबिक यह बहुत गर्व की बात थी.

बौद्धिक विकलांगता

पर हमारा तथाकथित आस्थावान बुद्धिजीवी समाज यह सब जानकर भी धर्मान्धता में सब दरकिनार कर देता है और तभी तो इस अवसर पर तुलसी के पौधे को लाल चुनरी से इस क़दर ढक देता है कि विष्णु-तुलसी के तथाकथित विवाह के नाम पर बेचारे तुलसी के मासूम पौधे का दम ही घुंट जाता होगा .. शायद ...

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

 


6 टिप्‍पणियां:

  1. शानदार अंक...खूब बधाई रविंद्र जी आपको।

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  2. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति।

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  3. जी ! नमन संग आभार आपका .. अपनी आज की प्रस्तुति में मेरी बतकही को स्थान प्रदान करने हेतु .. इन औपचारिक बातों के बाद आपको अवगत कराना चाहता हूँ, कि मुझे एक ब्लॉग-मित्र के द्वारा ज्ञात हुआ कि मेरी बतकही आज के पाँच लिंकों के आनन्द पर चस्पा किया गया है, तो मैं पोस्ट को झाँका पर औपचारिक आमंत्रण नहीं दिखा .. मैं बहुत ही शर्मिन्दा हूँ अपने ब्लॉग की किसी अज्ञात तकनिकी त्रुटि की वजह से कुछेक प्रतिक्रिया स्पैम में चली जाती हैं और वहाँ जाकर उसे Not Spam करना पड़ता है .. बिलम्ब से अपना आभार प्रकट करने के लिए ग्लानि महसूस करते हुए आप से क्षमाप्रार्थी हूँ .. बस यूँ ही ... 🙏🙂

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  4. जी ! नमन संग आभार आपका .. अपनी आज की प्रस्तुति में मेरी बतकही को स्थान प्रदान करने हेतु .. इन औपचारिक बातों के बाद आपको अवगत कराना चाहता हूँ, कि मुझे एक ब्लॉग-मित्र के द्वारा ज्ञात हुआ कि मेरी बतकही आज के पाँच लिंकों के आनन्द पर चस्पा किया गया है, तो मैं पोस्ट को झाँका पर औपचारिक आमंत्रण नहीं दिखा .. मैं बहुत ही शर्मिन्दा हूँ अपने ब्लॉग की किसी अज्ञात तकनिकी जानकारी से, जिसकी वजह से कुछेक प्रतिक्रिया स्पैम में चले जाते हैं और वहाँ जाकर उसे Not Spam करना पड़ता है .. ग्लानि महसूस करते हुए आप से क्षमाप्रार्थी हूँ .. बस यूँ ही ... 🙏🙂

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