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शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

1491..रक्षाबन्धन और स्वतंत्रता दिवस का अभूतपूर्व संगम

सादर अभिवादन
रक्षाबन्धन और स्वतंत्रता दिवस का
अभूतपूर्व संगम
73 वर्षों मे चौथी बार ऐसा अवसर आया है
सारे भाई - बहन भागा-दौड़ी में लगे रहे
हमारे चर्चाकार भी इनसे अलग नहीं है
आइए देखते हैं आज की मिली जुली रचनाएँ...

कश्मीरी लड़की... रवीन्द्र सिंह यादव
अपने देशवासियों पर भड़की हूँ। 
मेरा रंग और बदन पसंद तुम्हें, 
ये मनोविकार हैं नापसंद मुझे,
गुल बनो!
गुलफ़ाम को लेने,
आ जाना गुलशन में!
बदल सकोगे जलवायु?
जिसमें पलकर मैं बड़ी हुई  
सुमन पाँख-सी कोमल हूँ 

चलो न हम रंगें, ये जमीं, ये विश्व, ये आकाश, 
अनूठे से, ये तीन रंग, हैं हमारे पास! 
पर्वतों के शीष पर, हैं बिखेरे हमने रंग, 
ये पहाड़ दुग्ध से, सदा ही हँसे हैं हमारे संग, 
सन गए ये कभी, आतंक के खून संग, 
खामोश से हुए, दुग्ध के आकाश! 
चलो न हम रंगें, इस तिरंगे सा,

पिता 
तब भी बूढ़ा नहीं होता अपने बच्चों की नजर में। 
बच्चे उसे हमेशा समझते हैं जवान 
मिल्खा सिंह की तरह तेज तर्रार धावक 
मिल्खा सिंह आज भले ही हो गए हों बूढ़े 
पर पिता मिल्खा सिंह आज भी जवान है, युवा है। 

एकदम मूड ऑफ हो गया दी' ... अच्छा हुआ आप नहीं गईं ..."
वाणी - "हाँ रे ! ठीक ही कह रही है तू...अच्छा हुआ ये बीमार हो गए , इनके बहाने मैं घाटा से बच गई...अच्छा काट फोन, अब 'ये' जाग
गए हैं , बुला रहे... मैं जा रही ... सी यू ... टेक केअर "
शेफ़ाली-"सी यू ..दी '!कल सुबह और डिटेल में इनके मार्केट जाने के बाद बात करते हैं ...ठीक है ना !? ...टेक केअर दी'...जाओ जीजू का ख्याल रखो ...हाँ...."

उनकी क्या बात करें हम वफ़ा की महफ़िल में
हमको जो देख के दीपक ही बुझा देते हैं।

किसकी आंखों में समंदर की सी गहराई है
कोई पूछे जो तो राजीव बता देते हैं।
..............
हम-क़दम का नया विषय
यहाँ देखिए


आज बस..
आज्ञा दें
सादर








15 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया काम..
    बढ़िया रचनाएँ..
    और..सबसे
    बढ़िया आप..
    सीमित समय में
    अच्छा अंक देना..
    आभार...
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. सस्नेहाशीष संग असीम शुभकामनाएं छोटी बहना
    बहुत सुंदर संकलन

    जवाब देंहटाएं
  3. आज़ादी, कश्मीर, रक्षाबंधन .. एक तरफ आज़ादी , दूसरी तरफ स्नेह का बंधन ...इन सारे विविध रंगों का इंद्रधनुषी संकलन मन को भी 'बैनीआहपीनाला' कर दे रहा है।
    मेरी लघुकथा को शामिल करने के लिए पुनः आभार आपका यशोदा जी !

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन लिंकों का चयन..
    शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  5. आभारी हूँ दी बहुत शुक्रिया।
    बहुत अच्छी हैंं सारी रचनाएँँ....झटपट में भी इतनी सुगढ़ प्रस्तुति आप ही बना सकती हैं दी।

    जवाब देंहटाएं
  6. मेरी रचना यहां प्रकाशित करने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  7. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत उम्दा संकलन। आभार और बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  9. इतनी व्यस्तता के बीच इतनी शानदार प्रस्तुति के लिए बधाई ।
    शानदार लिंक ।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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