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गुरुवार, 15 अगस्त 2019

1490...73 वें स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ ...

सादर अभिवादन। 


स्वतंत्रता का अर्थ वह क्या जाने 
जो स्वतंत्र वातावरण में खेला है,
जाओ! उस पीढ़ी से जाकर पूछो 
जिसने पराधीनता का दर्द झेला है।
-रवीन्द्र 

        आज हम मना रहे हैं 73 वां स्वतंत्रता दिवस। विकास की उपलब्धियों पर गर्व करते हुए अपने राष्ट्रीय आंदोलन में शहीद हुए ,अकल्पनीय अमानवीय यातनाएँ भोगते हुए वतन की मिट्टी में मिल गये, कोई कारागारों में रहे तो कोई भूमिगत रहकर आज़ादी का चराग़ जलाते रहे। आओ आज इन समस्त पुण्यात्माओं का सादर स्मरण करते हुए अपनी अनमोल आज़ादी के महत्त्व पर चिंतन-मनन करें। 
          हम अपने अधिकारों पर मुखर होने के साथ-साथ दायित्यों पर भी ग़ौर करते रहें। देश की एकता और अखंडता को क़ाएम रखने में जो पीढ़ी अपना सर्वोत्कृष्ट बलिदान दे रही है उसके प्रति कृतज्ञ अवश्य हों।  
देश सेवा सिर्फ़ सरहदों की रक्षा नहीं है बल्कि वतन की हरेक चीज़ में (जड़ और चेतन ) अपनत्व के भाव से सहेजने में जो अपना-अपना योगदान दे रहा है उसका हिस्सा भी जुड़ता है वतनपरस्ती में। आप यदि शांति के साथ अपने कार्य में रत हैं तो देश की राष्ट्रीय संपदा का बड़ा हिस्सा बचत के साथ विकास कार्यों में जाता है वहीँ जहाँ अशाँति है वहाँ अनावश्यक ख़र्च के आयाम बढ़ जाते हैं और विकास के कार्यक्रम बाधित होते हैं और देश की प्रतिष्ठा को धक्का लगता है। बेहतर है देश में ऐसा मानस तैयार होता रहे जो शाँतिपसंद माहौल का हामी हो।  
         वर्तमान में देश की एकता और अखंडता को लेकर अनेक ख़तरे पैदा हो गये हैं। हमारी सक्षम सेना इन चुनौतियों का बख़ूबी मुक़ाबला कर रही है। जम्मू-कश्मीर-लद्दाख में भारत सरकार द्वारा लिये गये हालिया अभूतपूर्व फ़ैसलों से सुरक्षा-तंत्र की जवाबदेही बहुत ज़्यादा बढ़ गयी है। 
  ऐसे जश्न में हम सैनिकों को तहेदिल से याद करते हुए उन्हें अपना नमन / सलाम भेजते हैं। 
जय हिंद!      

भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का एक पावन उत्सव रक्षाबंधन भी आज मनाया जा रहा है। आप सभी को स्वतंत्रता दिवस और रक्षा बंधन की ढेरों शुभकामनाएँ। 

आइये अब आज़ादी के पर्व को याद करती हुईं इन संदेशपरक भावपूर्ण रचनाओं पर एक नज़र डालें -
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी,  कुसुम कोठारी जी एवं अनीता सैनी जी )    



क्रान्तिकारियों ने अँगरेजी शासन में बिगुल बजाया था,
अँगरेजो भारत छोड़ो का, नारा यहाँ लगाया था,
भारतमाता की सरहद हैं, रक्षित वीर जवान से।
जन-मन-गण को गाता जन-जन, देखो कितनी शान से।।




आज़ादी के परवाने सा
वो सुभाष वापस दे दो ,
सचिन नहीं दे पावों तो
एक शिवाजी वापस दे दो,
पी टी सी उषा ना दे पावो
पर झांसी सी रानी दे दो,
कुछ भी ना दे पाओ तो
कम से कम देश रक्षा हित
एक-एक सैनानी दे दो ,






लिया भार,भारत माँ  का  कंधों  पर , 
उन वीर शहीदों की, चौखट के दीदार करा दे,
पहन केसरिया किया जीवन अपना क़ुर्बान,
जनमानस को वीरों के रक्त से लिखा संदेश दिखा दे |


आज़ादी के पर्व पर एक विचारोत्तेजक हस्तक्षेप के साथ उसके पार्व प्रभावों पर विस्तार से प्रकाश डालती हुई मौजूदा माहौल पर चिंतन भी भावभूमि तैयार करती रचना है। बहुत ज़रूरी है ऐसा विश्लेषणात्मक विमर्श ताकि चालाक और धूर्त सोच को कठघरे में समय-समय पर खड़ा किया जा सके।  आइये पढ़ते हैं श्वेता सिन्हा जी की एक विशिष्ट रचना- 


सबसे ऊँची फहराने के जोश में
किसी भी हद तक गुज़रते
तुम पावन तिरंगे का 
कितना सम्मान करते हो?
ज़रा-ज़रा सी बात पर
एक-दूसरे का अस्तित्व 
लहुलुहानकर,ज़ख़्मों पर
 नमक रगड़ते नहीं लजाते हो
 तुम आज़ाद हो,
तो क्या आज़ादी बहुत बुरी होती है?
आज़ादी सांम्प्रदायिक होकर
नफ़रत और वैमनस्यता बढ़ाती है?

रक्षाबंधन का मर्म हृदय तक पहुँचाती मीना भारद्वाज जी की एक रचना आपकी नज़र -

"रक्षा बंधन"....... मीना भारद्वाज 



भाई ! मुझे
इतना है कहना
मेरे लिए एक
काम करना
दिल में सहेज 
साथ  रखना 
बचपन की उन
यादों का गहना

चलते-चलते आइये पढ़ते हैं हमारी जीवन शैली से जुड़ा कुछ अलग-सा विचार-
  

मेरी फ़ोटो

इसीलिए यदि आप को किसी रूढ़िवादी चीज या निर्रथक परंपरा पर आपत्ति है तो उसे लोगों के सामने लाइए, समझाइये, उसके बारे में पूरी तरह जानकारी दीजिए, उसका सही उपयोग बताइये ! ये नहीं कि अपने आप को चतुर, बुद्धिमान या प्रगतिशील मानते हुए दूसरों को बेवकूफ, ढोंगी या अंधविश्वासी कह उनका निरादर कीजिए या उनका मजाक बनाइये ! हो सकता है कि आपका ही दृष्टिकोण गलत हो ! आज तक आप भी अपनी नकारात्मक सोच के कारण उसका महत्व नहीं समझ पाए हों !!


73 वें स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ 

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आज बस यहीं तक 
अब आज्ञा दें। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

8 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात भाई रवीन्द्र जी..
    बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति...
    हार्दिक शुभकामनाएं..
    आभार आपका..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. हार्दिक शुभकामनाएं
    सराहनीय संग्रहनीय प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात !
    बेहतरीन संकलन ।
    स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं । मुझे संकलन में स्थान देने के हार्दिक आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात सर 🙏)
    बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌,बेहतरीन रचनाएँ,
    स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं । मुझे हलचल में स्थान देने के लिए हार्दिक आभार ।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. रवींद्र जी बहुत सारगर्भित भूमिका लिखी है आपने..सद्भाव और सौहार्द्र की कामना करते हुये स्वतंत्रता दिवस के पावन दिन अपनी माटी को प्रणाम करते हैं। सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    रक्षा-बंधन भाई-बहन के रिश्तों प्रेम और पवित्रता का द्योतक त्योहार की बधाई।
    बहुत सुंदर संकलन है मेरी रचना को शामिल करने के लिए सादर शुक्रिया आपका।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छी प्रस्तुति!

    सभी को स्वतन्त्रता दिवस और रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  7. शुभकामनाएं सभी के लिये। सुन्दर हलचल प्र्स्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  8. सार्थक भूमिका के साथ सुंदर संकलन। शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं

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