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शुक्रवार, 12 अप्रैल 2019

1365....मैं भी फूलों-सी खिलकर जाऊँ

स्नेहिल अभिवादन
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मौसम मतदान का आ गया है,
दिल से नहीं दिमाग से मताधिकार का प्रयोग करें।
आने वाले पाँच साल का भविष्य आपके हाथ में है।
कृपया मतदान केंद्रों की लंबी कतारों के भय से
घर पर बैठकर टी.वी. या मोबाइल पर न लगे,अगर आप अपना कर्तव्य नहीं निभाते हैं तो
 सरकार और नेताओं को उनके कर्तव्य याद दिलाने में, उन्हें कोसने का आपको कोई अधिकार नहीं।
और हाँ नोटा में वोट करके अपना कीमती वोट व्यर्थ न करें।

अब चलिये आज की रचनाएँ पढ़ते हैं-

आदरणीय ज्योति खरे जी

उपहार मिला गुच्छा
चमकीले कांटों का 
वार नहीं सहता मन
फूलों के चांटों का 
हरियाली को चरते 
शहरी चीते----

★★★★★
श्याम बिहारी श्यामल
इश्क़-ए-बेख़ुदी पड़ूंं तो क्यों


सूरमा नहीं, औज़ार-ए-क़ायनात वह 
किसी बेज़ान मशीन से मैं भिडूं तो क्यों

लाखों साल से बेहोश पड़ीं कई नस्लें
जागा हूं, इश्क़-ए-बेखुदी पडूं तो क्यों 

★★★★★

आदरणीय शांतनु संन्याल

कुछ बूंद मेरी निगाह के, कुछ  
नूर तेरी चाह के, बहुत कुछ हैं ये 
ज़िन्दगी के लिए, चाहतों का 
क्या आसमान भी कम 
सा लगे है, चार 
दिन की है 
चांदनी,
★★★★★
मिलिये 
आदरणीया सुजाता प्रिया जी से
झूला एक लगा दो माँ


सिंदूरी लालिमा देखो,
आसमान में बिखरा है।
सूरज का मुखडा़ जैसे
नवदुुल्हन - सा बिखरा है।
मैं भी जग रोशन कर डालूं,
ऐसी लगन लगा दो माँ।

देखो कलियाँ क्यारी-क्यारी,
खिल- खिलकर मुसकाती हैं।
पुलकित हो हँस डाली-डाली,
हँसना हमें सीखाती हैं।
मैं भी फूलों-सी खिलकर जाऊँ
मुझको जरा हँसा दो माँ।
★★★★★
आदरणीय देवेन्द्र  जी
कबूतर और सरकारी कार्यालय

यह सरकारी कार्यालय है
यहाँ
पर कतरने के 
मौजूद हैं
सभी सामान
छत पर टँगा हुआ पँखा,
तुम्हें दिखाई नहीं देता?
आवाजें
तुम्हें
भयभीत नहीं करतीं?
जा सकती है जान भी,
यहाँ मत आओ।
★★★★★

आज का यह अंक आपको कैसा लगा?
कृपया अपने बहुमूल्य सुझाव
अवश्य प्रेषित करें।

हमक़दम के लिए

धर्म

कल का अंक पढ़ना न भूलें कल आ रही हैं
आदरणीया विभा दी
अपनी विशेष प्रस्तुति के साथ।

#श्वेता सिन्हा


10 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात..
    मतदाता
    अधिकांश निम्न मध्यम तबके के लोग ही रहते हैं
    उच्च वर्ग के लोग क्यू में खड़े होने के भय से मतदान नही करते..एक बड़ा सरकारी अमला मतदान में कार्यभारित होने के कारण वंचित हो जाता है..
    अच्छी रचनाएँ पढ़वाई आपने आज..
    आभार..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर संकलन
    नोटा का विकल्प क्यों दिया गया है ?

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी दी अगर आपको आपके क्षेत्र का कोई भी प्रत्याशी न ठीक लगे तो NOTA.
      पर दी इससे आपके वोट का उपयोग क्या हुआ फिर?

      हटाएं
  3. आपके प्यार के धागे में गूथा कविताओं का गुच्छा बेरद खूबसूरत लगा। उत्त्साहबर्धन के लिए सादर आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. कीमती वोटों को व्यर्थ न जाने दें...सही कहा ...सुन्दर सारगर्भित भूमिका के साथ शानदार प्रस्तुति..... उम्दा लिंक संकलन

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन भूमिका और सुंदर संयोजन
    सभी सम्मलित रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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