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रविवार, 24 नवंबर 2024

4317 ..."निन्दक नियरे राखिए" यानी कि शादी अवश्य कीजिए

 सादर अभिवादन

3 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन अंक
    आभार
    सादर वंदन

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  2. जी ! .. सुप्रभातम् सह सादर नमन संग आभार आपका .. हमारी इस बतकही के तीसरे व अंतिम भाग को भी अपनी प्रस्तुति का हिस्सा बनाने के लिए ... 🙏
    आज की आपकी भूमिका गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस के बहाने उनकी ताउम्र की गयी सकारात्मक सृजनशीलता की यादों के साथ-साथ औरंगज़ेब जैसे आततायी के आतंकवादी कारनामों की बुरी यादों के अलावा हमारे देश में वर्तमान मुसलमानों के बारे में याद दिलाती है , कि ये सारे औरंगज़ेब जैसे आतंकियों के डर से इस्लाम धर्म अपनाए जाने वाले अपने बुज़दिल converted पुरखों की संतान हैं .. शायद ...

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  3. इस अंक की हार्दिक बधाई और सादर आभार🙏🏼🙏🏼

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