---

गुरुवार, 12 सितंबर 2024

4244...न्याय बिके बाजारों में जब, पीड़ित घिसता जूते रोज...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीया अभिलाषा चौहान जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

गुरुवारीय अंक में आज पढ़िए पाँच पसंदीदा रचनाएँ-

कुछ खरी-खरी...!!

न्याय बिके बाजारों में जब,

पीड़ित घिसता जूते रोज।

अंधा है कानून यहाँ पर,

खोता जाता उसका ओज।।

*****

गजल

हैरानी होगी परिणाम अनुकूल न निकलने पर, 

परेशान होने से भी तो आराम नहीं मिलता। 

राहों में बहुत मिलेंगे जो मन को भाएंगे।

केवल मन भाने से भाव नहीं मिलता। 

*****

जय जय जय गणपति गणनायक। गणपति वंदना। गणेश जी की आरती

सिद्धि-बुद्धि-सेवित, सुषमानिधि, नीति-प्रीति पालक, वरदायक।।

शंकर-सुवन, भुवन-भय-वारण, वारन-वदन, विनायक-नायक।

मोदक प्रिय, निज-जन-मन-मोदक, गिरि-तनया-मन-मोद-प्रदायक।।

अमल, अकल अरु सकल-कलानिधि, ऋद्धि-सिद्धिदायक, सुरनायक।

*****

अकेले तुम और हम

असीम आसमान और निस्सीम समुन्दर की तरह

अनन्त तक चली जाती है आवाज़,

रखी रहती है गुदगुदी बनकर,

मन की आवाज़ वही गुनगुनाहट है

जो तुम कभी-कभी अनचाहे अपने होंठों पर ले आते हो

*****

अमर प्रेम

औरतों के प्रति जब कभी पुरानी धारणा की मुठभेड़ आधुनिकता से होती है, तो भारतीय मन-मनुष्य और समाज को पुरुषार्थ के उजाले में देखने-दिखाने के लिए मुड़ जाता है. पर हमारी परंपरा में पुरुषार्थ की साधना वही कर सकता है, जो स्वतंत्र हो. हिंदी साहित्य के शेक्सपीयर कहे जाने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र की ज़िंदगी में मल्लिका अकेली स्त्री नहीं थीं, जिनके साथ उनके संबंध थे, लेकिन मल्लिका का उनके जीवन में विशेष स्थान था.

*****

फिर मिलेंगे।

रवीन्द्र सिंह यादव


4 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    शीर्षक पंक्ति में मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय। बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शीर्षक पंक्ति में मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर
    बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं,सभीकी रचनाएं पढ़ी, अप्रतिम संकलन

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।