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बुधवार, 7 अगस्त 2024

4210..अलग अलग हिस्से...

 प्रातःवंदन 

"खलक खुदा का, मुलुक बाश्शा का
हुकुम शहर कोतवाल का
हर खासो-आम को आगाह किया जाता है...!!"

धर्मवीर भारती
नजर बनाए रखे न्यूज चैनल और अखबारो पर पडोसी देश ,वैश्विक बदलाव  में इंसानियत कहा रह गई...✍️

ओ मेरी मंडली 

(अपने अपने नाम को विश्वास के साथ रख लो मेरी मंडली लिस्ट में),

आओ चाय की टपरी पर पैदल चलते हैं,

बारिश के जमा पानी के छींटें उड़ाते,

ठहाके लगाते ...

...

किताबें

घर के अलग-अलग हिस्सों में

बेतरतीब पड़ी मिलेंगी किताबें

कुछ पढ़ी, कुछ आधी पढ़ी

कुछ बिना पढ़ी.

...

हास्य कवि...

 पत्नी पर कविता सुनाओ तो पत्नी नाराज़ हो जाती है,

बालों पर कविता सुनाओ तो दोस्तों की हालत नासाज हो जाती है।

धर्म पर कविता सुनाओ तो

लोग सांप्रदायिक फसाद में फंस जाते हैं,

...

पुस्तक समीक्षा। ब्रीफकेस। नेतराम भारती

 
 














नेल्सन मंडेला ने कहा था कि, "यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करते हैं जो वो समझता है तो बात उसके दिमाग में जाती है, लेकिन यदि आप उससे उसकी अपनी भाषा में बात करते हैं तो बात सीधे उसके दिल तक..
...
।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह ' तृप्ति '...✍️

6 टिप्‍पणियां:

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