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शुक्रवार, 31 मई 2024

4143...नदी का स्वभाव

 शुक्रवारीय अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन।
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गरमी के मौसम के दस्तक के साथ ही
कुछ नारे बुलंद हो जाते हैं।
"बिन पानी सब सून"
"जल ही जीवन है"
"पानी की एक भी बूँद कीमती है"
इन नारों को
मात्र मौसम के अनुरूप स्लोगन बनाकर
ही प्रयोग नहीं करना चाहिए बल्कि
 आत्मसात करने की आवश्यकता है।
पानी के बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
धरती का 75 प्रतिशत भाग जल है।
पर जो जल जीवों के जीवन के लिए संजीवनी जैसी है उसका प्रतिशत मात्र 2.7 है।
हम मानवोंं की लापरवाही से उत्पन्न
पारिस्थितिकीय असंतुलन की वजह से
गंभीर जल संकट 
प्रचंड ताप
आप भी महसूस कर रहे है न? 

आज की रचनाएंँ
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सूरज की तपिश 
संलग्न है 
नदी की काया को 
छरहरा बनाने की ओर 
नदी आशांवित होती है 
पहुँचने मुहाने तक 
सागर में मिलने हेतु  
आगे मिल जाएँगीं 
समा जाएँगीं 
कुछ और छोटी-छोटी नदियाँ



हर बात पर हँसती भी वह कभी  
अब न किसी बात से बहल रही है 


बसंत जायेगा तो फिर आएगा 
कोयल है कह कर मचल रही है  

 
जो दौड़ेगा गिरेगा भी दुनिया में 
इसी हौसले से दुनिया टहल रही है 



सांझ की निश्चिंतता में 

जब पक्षियों के झुण्ड 

अपने घोंसलों की ओर उड़ते हैं 

या समन्दर की लहरें 

बार-बार रूठकर भी 

साहिल की ओर लौटती हैं,

तो मुझे तुम याद आती हो. 





नकली फूल हवा पत्ते सब  ।
क्या लेने वो  नगर आया है ।।

जल्दी रात में सोने वाला  ।
पब से देख सहर आया है  ।।

इमारतों के इस जंगल में ।
दीवारों पे   शजर  आया  है ।।




आप बड़ी- बड़ी समाज सेवा बेशक न करें, कम्बल बाँटकर फोटो भले न छपवाएं पर यदि अपने सहायकों को किसी तरह समझाकर, इलाज कर किसी तरह मदद कर सकें तो ये बहुत बड़ी मानव सेवा है। इस तरह आप न सिर्फ़ इनकी बल्कि इनके परिवार की भी मदद कर सकते हैं। हो सकता है ये आपको जवाब दें, बहस करें, बत्तमीजी भी कर दें , काम छोड़कर जाने की धमकी भी देते हैं। तब बहुत क्रोध आता है कि भाड़ में जाओ फिर। लेकिन तब भी विवेकपूर्वक व धैर्य से इनके सुख- दुख पर नजर रखना और उदार होना हमारा फ़र्ज़ है। 

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आज के लिए इतना ही
मिलते हैं अगले अंक में ।
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5 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन अंक
    आभार
    सादर वंदन

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर अंक…मेरे आलेख को सम्मिलित करने के लिए हृदय से आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर अंक…मेरे आलेख को सम्मिलित करने के लिए हृदय से आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं

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