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रविवार, 5 मई 2024

4117 ..... आग में घी की आमद बढ़ी जा रही

 सादर अभिवादन


गंगा जी में वही पाप धुलते हैं
जो गलती से होते हैं, ...
योजना बद्ध किए गए पाप
धोने का अधिकार तो 
सिर्फ और सिर्फ यमराज जी  के पास है
(कॉपी राईट रिजर्व)

नई चुनिंदा  रचनाएं

आज की खासियत..
मोहितपन से मोहित शर्मा जी की दो रचनाएं



लिपटी स्व संज्ञान में
कुछ विशिष्ट लिबासों से,
विशिष्ट आभूषणों से लदी लकदक
कृत्रिम सुगंधों के कारावास में,




असंभव सा फैलते विष को रोकने का कार्य,
समय के हर क्षण से जैसे युद्ध लड़ें आचार्य!
महल में गूंज रही नंदिनी की चीख,
अमात्य राक्षस भी मांग रहा ईश्वर से भीख।
पुतले बने शशांक, प्रियम्वदा भरे आहें,
विषाक्त नीली आँखें अंतिम बार बस चंद्र को देखना चाहें।




बचपन में खेले हम कभी चढ़के आई जवानी
फिर आयेगा बुढ़ापा ख़त्म फिर होगी कहानी
न कुछ लेकर आये थे न ही कुछ लेके जायेंगे
न होगा दिन ऐसा सुहाना न रात ऐसी सुहानी।




आंधियों  को इजाजत  दिए जा रहे,
चिरागों  को   कहते  सलामत  रहो।

आग  में घी की आमद बढ़ी जा रही,
कह  रहे  बस्तियों  को सलामत रहो।




विकल - "हाँ तेरे साथ गलत हुआ। लाइफ इज नॉट फेयर, पर यार जीवन में कदम-कदम पर हर किसी के साथ गलत होता है। तू समाज का बदला अपनी जीवनसंगिनी से क्यों ले रहा है? भाभी तो बेचारी कभी शिकायत नहीं करती, नहीं तो कोई और होती तो तू शायद चैन से सो तक नहीं पाता। यह कोई खेल थोड़े ही है कि जीवन में तेरे विरुद्ध कुछ पॉइंट्स हुए तो तू अपनी शर्तो पर जीवन से बदला लेकर उसके विरुद्ध पॉइंट्स बनाएगा। अपनों को बेवजह दुश्मन मत बना, कुंठा के पर्दे हटाकर एक बार उनकी आँखों का समर्पण, प्रेम देखना वो तुझसे शादी करते समय भी फर्स्ट ए.सी. था और अब भी!"

आज बस. ...
कल भी मिलूंगी
सादर वंदन

3 टिप्‍पणियां:

  1. जी ! .. सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका हमारी बतकही को अपने मंच की अपनी प्रस्तुति के द्वारा पँख देने के लिए ...🙏
    आपकी भूमिका में आज के ज्ञान की "कॉपी राईट रिजर्व" में "रिजर्व" से "रिजर्वेशन" की बात अनायास सुबह-सुबह दिमाग़ में आ गयी। अब मालूम नहीं कि ये "रिजर्वेशन" हमारे देश में "कोढ़" है या "होड़" है ? वैसे भी गलती से हुए पाप भूल ही होते हैं और उस भूल को तो भुलना ही बेहतर है। पर लगता है, ये तथाकथित "यमराज जी" का पता आपको पता है .. है ना ?🤔😒 (😀😀😀)

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात ! पठनीय रचनाओं के सूत्र देती सुंदर प्रस्तुति !

    जवाब देंहटाएं

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