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सोमवार, 20 नवंबर 2023

3950 ..मेरे मन के ग्लेशियर से निकलने वाली गंगा

 सादर अभिवादन

छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है। इस दिन छठ पर्व की मुख्य पूजा की जाती है। 
इस दिन व्रती घाट पर आते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। 
आज यानी 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा। 
इस समय लोग सूर्य को अर्घ्य देंगे।

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बह रहा है पानी,
तो शोर क्यों नहीं है,

नदी जिसे समझा था,
सहरा तो नहीं.

जो शोर कर रहा था,
अब चुपचाप क्यों है,

उससे पूछो, उसका ज़मीर
कहीं ठहरा तो नहीं.





जहां देखा यादें बिखरी हैं
कितनी समेटी जाएं
दिमाग मैं अब जगह नहीं है
किससे करू शिकायत |
मन कहता है
बीते कल में क्या जीना





विश्व कप के अपने पहले ही मैच मे पांच विकेट लेने के बाद  जब मोहम्मद शमी प्रेस कांप्रेंस मे आयें तो एक पत्रकार ने पूछा की पिछले चार मैच मे आपको टीम मे नही लिया गया था तब आपको कैसा लग रहा था ।

शमी बोले अच्छा लग रहा था क्योंकि अपनी टीम जीत रही थी । चाहे मैं टीम मे था या नही था टीम जीत रही थी और अपनी टीम को जीतते देखना अच्छा ही लगता है ।




मेरे मन
के
ग्लेशियर से

निकलने
वाली गंगा

तेरे प्रदूषण
को
घटते बढ़ते

हर पल
हर क्षण
महसूस किया
है मैंने




अब  पड़ा  है  पाला  जरा समर,
सब कर रहे किनारा बीच समर।

इष्ट  मित्र जो  कहलाते थे अपने,
अब  सब  दूर  हो  रहे धीरे  धीरे।।



आज बस
कल  फिर मिलेंगे
सादर

3 टिप्‍पणियां:

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