---

रविवार, 7 मई 2023

3750 ...कोई नहीं मार सकता आज भी हिरण्यकशिपु को

 सादर अभिवादन

आज भाई कुलदीप जी कहीं व्यस्त है
सो आज मेरी पसंद की रचनाओं का आस्वादन कीजिए
अब देखिए रचनाएँ....



न आकाश में न धरती पर
न अस्त्र से न शस्त्र से
न दिन में न रात में
न घर में न घर से बाहर
न मनुष्य,न पशु,
न देव, न दैत्य
कोई नहीं मार सकता
आज भी हिरण्यकशिपु को,




सुन सको तो कभी सुनना ध्यान से
चुप्पियों से भरी कितनी ही आवाज़ हैं ।

मैंने कहा कि प्यार है तुमसे बेइंतहां
बस इतनी सी बात पर हुज़ूर नाराज़ हैं।




सुखासीन की मदिरा,नीर आचमन हो जाती है।
एक गरीब बेबस की पीड़ा प्रहसन हो जाती है।

षडयंत्र  के  कंचनी मदमस्त वहशी  दरबारों में
मजलूम की  लाज निर्मम निर्वसन हो जाती है।





"बड़ी अम्मा! बड़ी अम्मा, आपको दादी बुला रही हैं।"
"क्यों बुला रही हैं तेरी दादी? चल भाग! मैं तेरी बड़ी अम्मा नहीं हूँ।
जाकर कह दे मैं नहीं आ रही हूँ।"
"क्यों नहीं आयेंगीं जीजी। जरा अम्मा के बारे में सोचिए,
कुछ दिनों के अन्तराल में उन्होंने अपने दोनों बेटों को खो दिया।"




उड़द की दाल को सात-आठ घंटे तक पानी में भिगो कर रखा जाता है। उसके टमाटर को उबालकर और पीस कर मसालों और मक्खन में मिलाकर धीमी आंच पर पकाया जाता है। इस प्रक्रिया में करीब सत्रह से अठारह घंटे लगते हैं। धीमी आंच पर पकाने की वजह से दाल बुखारा बेहद स्वादिष्ट बन जाता है। दाल बुखारा को पुदीना पराठा के साथ खाने का अपना अलग ही मजा है। कई लोग दाल बुखारा को खस्ता रोटी के साथ खाना पसंद करते हैं। बुखारा की एक और विशेषता है वहां एक बहुत बड़े साइज का नान परोसा जाता है। बड़े आकार का एक नान चार पांच लोगों के लिए काफी होता है।


आज के लिए बस
सादर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।