---

बुधवार, 4 अगस्त 2021

3110..सौंधी सी गंध आयी..

 ।। उषा स्वस्ति।।

"रूप का सौरभ लुटाता, लग गया साँसों का पहरा।

प्यार के अब गीत गाता, आ रहा नूतन सवेरा॥

रूप का आज सावन, बरस गया अंग-अंग।

सौंधी सी गंध आयी और भायी तन-मन॥

अंग-अंग भाये तुम, आ रहा नूतन सवेरा।

प्यार के अब गीत गाता, आ रहा नूतन सवेरा॥"

 राजेश गोयल

 सच है कि नूतन, नव्य भोर से नव्य आस घुलता है ...तो फिर लिजिए हाजिर हूँ ,अपनी प्रस्तुति के साथ लाई हूँ प्रकृति, गीत ,दोस्ती और...अब लिंकों पर जा कर देखें...✍️


एक गीत-हरे धान के इन फूलों में

हरे धान के

इन फूलों में

चावल होंगे काले-गोरे ।

बादल-बिजली

धूप-छाँह में

हँसते हैं,बतियाते हैं ये..

🔅🔅


ये हमारी राह है...

किसी ने कितना खूबसूरत कहा है कि आप अपनी राह खुद तय करते हैं फिर चाहे उस पर कालीन हो या नुकीले पत्थर...। हमने कठिन पथ चुना, हमने चुना प्रकृति को, उसके दर्द के चीत्कार को सुना, महसूस किया। धरा के कंठ को सूखते देख हमें भी लगा कि हमारा कंठ भी सूखने को है...

🔅🔅


लूट के रास्ते खुल गये बेहया करें पैसे 

वसूल ‘उलूक’ अपनी फितरत से लिखता चल महीने भर सारा ऊल जलूल

                              ना हिंदी आती है
                             ना उर्दू ही आती है
बात है
कि फिर भी
पेट से चढ़ कर
गले तक पहुँच जाती है

बाहर फेंकने का तजुर्बा
सब को नहीं होता है
निगल लेते हैं ज्यादातर..

                                  🔅🔅

                                        


वो टिम-टिम सितारों को छिपना ही होगा..

 ये रुख अब हवा का बदलने लगा है,

यूँ मौसम ये शोला उगलने लगा है ।

पता जब चला साजिशों का था हमको,

तो दिल कातिलों का दहलने लगा है ।..

सुंदर, शब्द शिल्प भाव के ताने बाने के साथ आज यहीं थमते है..कल फिर मिलिये रवीन्द्र जी के साथ..

।। इति शम ।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️



8 टिप्‍पणियां:

  1. ना हिंदी आती है
    ना उर्दू ही आती है
    बात है
    कि फिर भी
    पेट से चढ़ कर
    गले तक पहुँच जाती है
    बेहतरीन अंक
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. जी बहुत आभार आपका पम्मी जी...।सभी लिंक अच्छे हैं...। साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरनीय Pammi singh'tripti' जी आपके चयन की दाद देनी होगी । बहुत ही सुंदर लिंको के साथ इस नाहफिल कि रौनक में आआपने चार चांद लगाए हैं ।यसजे लिए मेरी जानिब से दाद कबूल कीजियेगा ।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. सराहनीय भूमिका के साथ बेहतरीन सूत्रों से सजी बहुत सुंदर संकलन सजायी है दी।
    गीत,गज़ल,कविता,आलेख सभी रचनाएँ बहुत अच्छी लगी।
    प्रणाम
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  5. शानदार अंक और सुंदर प्रस्तुति के लिए हार्दिक शुभकामनाएं पम्मी जी,सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।