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गुरुवार, 26 सितंबर 2019

1532...रहते इंसान ज़मीर से मुब्तिला...


सादर अभिवादन। 
ये 
ऊँची 
मीनारें  
इमारतें 
बहुमंज़िला 
रहते इंसान 
ज़मीर से मुब्तिला। 

वो 
बाढ़ 
क़हर 
न झोपड़ी 
न रही रोटी 
राहत फंड से 
कौन करेगा मौज?
-रवीन्द्र 

आइए पढ़ते हैं कुछ पसंदीदा रचनाएँ -   

My photo 


मतलब में अपने कुछ ऐसे डूबे,

देश पर मर मिटना भूल गए ।

नींद में देखते रहे जिसे रात भर ,
आँख खुली तो वो सपना भूल गए।



मेरी फ़ोटो

* यही है मेरा अपना देश ,विश्व में जिसका नाम विशेष, धार कर विविध

रूप रँग वेष, महानायक यह भारत देश. सुदृढ़ स्कंध, सिंह सा ओज, सत्य 

से दीपित ऊँचा भाल, प्रेम-तप पूरित हृदय-अरण्य, बोधमय वाक्,रुचिर

स्वरमाल. वनो में बिखरा जीवन-बोध,उद्भिजों का अनुपम संसार, धरा पर 

जीवन का विस्तार सभी जीवों का सम अधिकार, सहज करुणा से निस्सृत

छंद,जहाँ जीवन दर्शन आनन्द, प्रकृति से आत्मीय अनुबंध, आत्म-

विस्तारण हेतु प्रबंध.




जब किसी निर्दोष को सरेआम पीटा जाता ।
जब किसी शूरवीर का सबूत मांगा जाता।।
अपने स्वार्थ साधने को भूमि को जिसने बांटा ।
अपना घर भरने को, वनों को जिस ने काटा ।
ऐसे अपराधी बेटों से,मां भी  शर्मिंदा होती है ।।
तब भारत माता रोती है............

 भले ही उर्दू-फारसी के जानकार हिन्दी ग़ज़लकारों पर हँसेंबहरों के टूटने की शिकायत करें, लेकिन हिन्दी का ग़ज़लकार ग़ज़ल की नयी वैचारिक दिशा तय करने में लगा हुआ है।




हिन्दी बेल्ट की राजनीति करने वाले पिता शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी और 

हिन्दूघर में जन्मने वाली  बॉलीवुड अभ‍नेत्री सोनाक्षी सिन्हा द्वारा 

जब केबीसी में पूछे गए प्रश्हनुमान किसके लिएसंजीवनी लाए 

थेका जवाब नहीं दिया जा सका और वो बगलें झांकने लगीं,फिर 

लाइफलाइन भी ले डाली तो मीडिया ने तो उनके इसज्ञानको लेकर 

खिचाई की, उसके फॉलोवर्स ने भी अपना माथा ठोंक लियासोनाक्षी के

 इसज्ञानने उसकी परवरिश,उसके परिवार और उन मूल्यों का सच

भी उगल दिया जो गाहे-बगाहे उसके पिता हांकते रहते हैं। 



हम-क़दम का नया विषय


आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे अगली प्रस्तुति में। 


रवीन्द्र सिंह यादव 


13 टिप्‍पणियां:

  1. राहत फंड से 
    कौन करेगा मौज़..?

    सच कहा आपने बाढ़ के बाद प्रशासनिक आंकड़ों का खेल शुरु होता है।
    अब देखें कल ही मैं एक वरिष्ठ अधिकारी से मीरजापुर में क्षति एवं राहत कार्य पूछा , तो उन्होंने डायरी खोली और कहा नोट करें , प्रारम्भिक जानकारी है।
    1,37,800 जनसंख्या
    329 गांव
    8,927.785 क्षेत्रफल
    7,862 फसल बोया क्षेत्रफल
    35 कच्चा मकान ध्वस्त
    हुये
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    राहत कार्य-

    694 लोगों का उपचार
    6139 ओ आर एस
    62335 क्लोरीन की गोली
    29,180 पशु टीकाकरण
    92 नाव/ 32 मोटरवोट

    आप सभी देंखे प्रशासन कितना सजग है।
    पर सच्चाई बताये अपने कोन विकासखंड में रात्रि के अंधेरे में प्रकाश करने के लिये मिट्टी का तेल ग्रामीण मांगते रह गये, क्यों कि घरों में विषैले जंतु घुस रहे थें।बिजली बाढ़ के कारण कटी थी।
    परंतु बताया गया कि जिसने रसोई गैस और बिजली कनेक्शन ले रखा है, उसे तेल नहीं मिलेगी। दुर्भाग्य से जिस दिन बेटी दिवस का जश्न मनाया जा रहा था। यहाँ एक किशोरी की रात में सर्पदंश से मौत हो गयी।
    इसे नियति का खेल बता दे सभी, परंतु यदि घर में लालटेन जला होता ,तो काल बना यह सांप शायद नहीं आता ?
    प्रस्तुति आपकी बहुत सशक्त होती है । सभी रचनाकारों को व्याकुल पथिक का प्रणाम।


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  2. शुभ प्रभात भाई रवीन्द्र जी
    सारगर्भित जानकारियो से ओत-प्रोत अंक
    आभार...
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  3. ऐसी रचनाएँ कि बिना रुके,बिना थके,एक बैठक में ही सबका आनन्द पा लिया .नहीं तो एक बार छोड़ने के बाद दुबारा उठाते-उठाते बड़ी देर हो जाती है.चयन भी सुरुचिपूर्ण और अवसरानुकूल है -बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  4. उम्दा संकलन
    उत्तम प्रस्तुति
    सभी को खूब बधाई
    सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति, सुन्दर
    पिरामिड सभी रचनाएं उत्तम

    जवाब देंहटाएं
  6. ब्लॉग पर टिप्पणी में संशोधन का क्या कोई विकल्प होता है ? जैसे मैं यहाँ हेक्टेयर लिखना भूल गया था और कभी-कभी मात्राएँ भी अशुद्ध हो तो , उसे ठीक किया जा सके। जैसे तेल नहीं मिलेगा कि जगह यहाँ मिलेगी लिख दिया हूँ .. ।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. एडिट का आप्शन फेसबुक में तो है...
      पर अफसोस,ब्लॉग में ऐसा कोई आप्शन नहीं है..
      पाठक समझदार हैं...
      सादर..

      हटाएं
  7. बहुत शानदार प्रस्तुति, सभी लिंक बहुत गहरी रचनाओं के साथ ।सभी सामग्री उच्चस्तरिय पठनीय।
    सभी रचनाकारों को बधाई।
    बहुत सार्थक वर्ण पिरामिड से शुरूआत, अंत तक सार्थक संकलन।

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहतरीन प्रस्तुति ,सादर नमस्कार

    जवाब देंहटाएं

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