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गुरुवार, 30 मई 2019

1413...फ़ज़ाएँ ख़ुशनुमा हैं चमन महका हुआ है...

सादर अभिवादन। 

फ़ज़ाएँ ख़ुशनुमा हैं 
चमन महका हुआ है,
वो कौन है रोको उसे 
क्यों  बहका हुआ है।
-रवीन्द्र 

आइये अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-   



रचे रुचिर रचनाएँ जग में अमर प्राण भरने वाली।  
दिशि-दिशि को अपनी लाली से अनुरंजित करने वाली।।   
तुम कविता के प्राण बनो मैं उन प्राणों की आकुल तान।  
निर्जन वन को मुखरित कर दे प्रिय! अपना सम्मोहन गान।।




अम्बर से रस धार बह रही
भीगी वसुधा वार सह रही
श्रम का स्वेद बहाकर हमको
नव अंकुर हर बार खिलाना होगा !




मैं लिखना चाहती हूँ
कुछ पंक्तियाँ
खोए हुए वजूद वाली 
औरतों के लिए
पर सच तो ये है
कि
वजूद मिल भी जाए तो क्या?
उन्हें ओढ़ने के लिए
औरतें कहाँ मिलेंगी...? 



तब पढने के लिए
ये मोटा चश्मा ही होगा
अपना सहारा
आने वाले दिनों में
देखता हूँ यह स्वप्न
मैं कभी - कभी 
क्‍या आपको भी
ऐसा ही
ख्‍याल आता है कभी !!




समीक्षात्मक रूप से किसी के जीवन को आँकना किसी के लिए भी सहज नहीं होता. खुद हमारे शब्दों में यह न तो उस पुस्तक की समीक्षा है और न ही ललित की जीवन यात्रा का विश्लेषण, न उनके साथ-साथ दोस्ताना निभाते दर्द का चित्रण है. यह ललित के दर्द को समझने का प्रयास मात्र है, समाज की उस मानसिकता के साथ गुजरने का एहसास है, शरीर का अंग न होकर भी शरीर जैसी बनी उन बैसाखियों के साथ उड़ान भरने की प्रक्रिया मात्र है. उनके समर्पण कि यह पुस्तक उन्हें समर्पित है जो अलग हैं या भीड़ से अलग होना चाहते हैं, के साथ हम यह भी जोड़ना चाहते हैं कि यह पुस्तक उन सबके लिए भी एक विटामिन बने जो महज भीड़ का हिस्सा बने हुए हैं. यह पुस्तक उनके लिए भी असाधारण महत्त्व रखे जो समाज की बंधी-बंधाई सोच के साथ चलते रहते हैं. आखिर हम सभी को याद रखना चाहिए कि विटामिन ज़िन्दगी उसी के हिस्से आया है जिसने ज़िन्दगी को जिया है, बिताया नहीं है. विटामिन ज़िन्दगी से ऊर्जा पाते ललित का जीवन सम्पूर्ण समाज को जीवन जीने की कला सिखाये, यही कामना है.
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हम-क़दम का नया विषय
यहाँ देखिए
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आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे अगले गुरुवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

13 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात भाई रवीन्द्र जी..
    बेहतरीन प्रस्तुति..
    आभार..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छी रचनाओं का सराहनीय संकलन है आज के अंक में रवींद्र जी बहुत अच्छी प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन रचनाओंका प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ,सादर नमस्कार

    जवाब देंहटाएं
  6. व्वाहहहहहह
    बेहतरीन...
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन रचनाओं का संकलन
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं

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