---

मंगलवार, 14 मई 2019

1397...शब्दों के समुंदर में गोते लगाना, और ढूँढ के लाना

सादर अभिवादन..
मातृ-दिवस कल हो गया
सभी माताएँ आज पूर्ववत्
अपनी दिनचर्या मे रत हो गई
बातें हो रही हैं आज भी
कल की...कि
ये हुआ..वो हुआ
पर जो हुआ सो हुआ
चलिए चलें रचनाओं की ओर

माँ को खोया
यूँ लगता है जैसे
जीवन खोया।

कहीं भी रहो
तुम सदा हो मेरी -
अंतर्मन माँ।

असीम कष्ट
माँ! तुमने जो सहे
मुझे कचोटें।


जतन कर के 
पाले-पोसे 
पौधे पर 
जब फूल खिलता है,
उसे देखने की
खुशी से बढ़ कर
कोई खुशी नहीं होती ।

हाँ जी !
आज ही खिले
मन-उपवन में
कर्णफूल से फूल !


जब कभी भी तुम्हारा ख़याल आ गया
फिर कई रोज़ तक बेख़याली रही

लब तरसते रहे इक हँसी के लिये
मेरी कश्ती मुसाफ़िर से ख़ाली रही


अम्मा
सुबह सुबह
फटा-फट नहाकर
अध-कुचियाई साड़ी लपेटकर
तुलसी चौरे पर
सूरज को प्रतिदिन बुलाती 
आकांक्षाओं का दीपक जलाती

हटता नहीं
तेरा एहसास
एक लम्हा भी
मेरे ख़यालों से
हुआ है जादू कोई
फूँका है मंतर
या कोई मख़्फ़ी तावीज़
बंधा दिया है मुझको.....

तुम्हारे अंदर के
कव्वे का पता
जो सफेद शब्द 
खोज के लाता 
तो है हमेशा
पर कव्वे की
काली छाया
उन्हे भी 
बना देती है काला
और कोयल की
कूँक होते हुवे भी
वो न जाने क्यूं
कांव कांव ही 
सुनायी देते हैं
-*-*-*-*-
अब बारी है
इकहत्तरवें विषय की
विषय
छाया
उदाहरणः
छाया के 
बैरी थे लाखों
लम्पट ठेकेदार,
मिली-भगत सब 
लील गई थी
नदियाँ पानीदार।
अब है सूखी झील 
कभी यहाँ 
पनडुब्बा तिरते थे।

अन्तिम तिथि- 18 मई 2019
प्रकाशन तिथि-20 मई 2019

आज्ञा दें
यशोदा

12 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात !
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति...,
    'कर्णफूल' के फूलों सी ताजगी भरी ।

    जवाब देंहटाएं
  2. सस्नेहाशीष संग असीम शुभकामनाएं छोटी बहना
    अति सुंदर संकलन

    जवाब देंहटाएं
  3. आभार यशोदा जी आज की हलचल के सतरंगी सूत्रों के बीच में 'उलूक' की बकबक को भी जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार संकलन सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर संयोजन
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मिलित करने का आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह!!बहुत खूबसूरत संकलन ।!

    जवाब देंहटाएं
  7. शानदार संकलन सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत धन्यवाद मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए ...संयोजन बेहद उत्कृष्ठ 👌👌

    जवाब देंहटाएं
  9. उम्दा पठनीय रचनाओं से सजी शानदार प्रस्तुति...

    जवाब देंहटाएं
  10. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।