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मंगलवार, 9 अप्रैल 2019

1362...एक ही ब्लॉग से..गूँगी गुड़िया

सादर अभिनन्दन
आदरणीया अनीता सैनी
किसी परिचय की मोहताज नहीं है
वे फिलहाल मशहूर चर्चामंच की
नवोदित चर्चाकारा हैं
कविताएं उनकी हरदम बेजोड़ रहती है..
आज पढ़िए उनके ब्लॉग की चंद रचनाएँ...

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ढूंढती 
तलाशती है 
शब्द |
धड़कनों से
 आँखों से  झांकती 
सांसों  से   जताती, अस्तित्व 
की वो भी  है 
 शब्द |

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आँख  का  पानी  छुपाओगी 
हृदय  की  पीड़ा 
धड़कनों को न बताओगी 

सांसों    में,  जी  उठेगी  बेचैनी 
तुम उसे  कैसे  बहलाओगी  ?

धड़कनों को  समझाने, लौट आउंगा 
मीठी मुस्कान से दिल जलाउंगा 

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सांसे विचलित कर जाती 
मिटे  माटी  के  लाल 
क्यों  सुकून  की नींद आ जाती ?

हाहाकार गूंज  रहा  कण कण में 
स्मृति   दौड़  आ  जाती 
वेदना  असीम   ह्रदय  की 
हवाओं से पैगाम लिखवाती 

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बन मधुमास  मिलेंगे दोबारा 
लौटेगें   हसीं  ख़्वाब, नक्षत्र बन 
चमकेगा सौभाग्य का सितारा 

आँखों   में  उमड़े  स्वप्न  गूँथू 
दमकना जिंदगी तुम दुल्हन बन के 
अस्तित्व अपना जताने उठना 
 झलकना  आँखों  से  अश्रु बन के 

और अंत में..
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वह अपने विचारों की कंघी से नाखून कुरेदती हुई,
हौले से उसाँस में सिर्फ हे राम, हे राम,  कहती, 
वह  अपनों  से  परेशान  न  थीं ।
न वह उस वक़्त अपनें प्रभु को स्मरण कर रही होती, 
न  शिकायतों का पिटारा उड़ेल कर बैठी, 
उसकी बुद्धि  क्षुब्ध और , 
विचार नये सफ़र के राही बन गये।
-*-*-*-*-
आगे का आंकलन आप पर छोड़ती हूँ

अब आज के अंक का असली मकसद
छैंछठवां विषय
धर्म
उदाहरण
सोचती हूँ
कौन सा धर्म 
विचारों की संकीर्णता
की बातें सिखलाता है?

सभ्यता के
विकास के साथ
मानसिकता का स्तर
शर्मसार करता जाता है।
अंतिम तिथि- 13 अप्रैल 2019
प्रकाशन तिथि- 15 अप्रैल 2019
प्रविष्ठि सम्पर्क प्रारूप पर ही मान्य









23 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय दीदी, सुप्रभात सभी को। आज की प्रस्तुति प्रिय अनीता के नाम देखकर अपार हर्ष हुआ। इसीलिए चन्द शब्द लिखने से खुद को रोक ना पाई। अनीता सचमुच बहुत अच्छी रचनाकार तो हैं ही उनमें ek बालसुलभ निश्चलता भी है। उनकी रचनाएँ अपनी मौलिक शैली में लिखी जा रही हैं और पाठक के मन को छूती हैं। प्रिय अनीता को बहुत बहुत बधाई और प्यार र सुंदर उपलब्धि के लिए। आपको साधुवाद इस निष्पक्ष प्रस्तुति के लिए। शेष ब्लॉग का भ्रमण कर रात में लिखती हूँ। प्रणाम।

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  2. आदरणीया अनीता को हार्दिक बधाई । उनकी रचनाओं में एक कोमल मन का क्रंदन सुनाई देता है। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ ।

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  3. बहना अनिता जी को हार्दिक बधाई ... वे उम्दा सृजन करती हैं

    सुंदर संकलन

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  4. बहुत बहुत सुंदर रचनाएँ
    बहुत बहुत बधाई
    सुंदर संकलन
    सुंदर प्रस्तुतिकरण

    जवाब देंहटाएं
  5. अनिता को यह खुशी और सम्मान देने के लिए आप का आभार । बहुत ही सुंदर रचनायें चुनी है आप ने, वह मासूम है वही मासूमित इन रचनाओं में झलकती है। एक बार फिर आप को आभार उत्साहवर्धन के लिए ।
    प्रणाम

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  6. सुप्रभातम् सभी को:)
    यशोदा दी का हार्दिक आभार,जिन्होंने प्रिय अनीता के द्वारा उगाये कोमल,भावों और शब्दों की खुशबू से लबरेज़ कुछ बेहतरीन पुष्पों को एक हार में पिरोया है आज।
    आत्मविश्वासी,ज़िंदादिल और निर्मल मन के व्यक्तित्व से सुसज्जित प्रिय अनीता को सुनहरे भविष्य की असीम शुभकामनाएँ.. हार्दिक बधाई।
    सभी रचनाएँ बहुत अच्छी है।

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। अनीता जी के लिये शुभकामनाएं।

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  8. प्रिय सखी अनीता जी को हार्दिक अभिनंदन । वाकई ,उनकी हर एक रचना लाजवाब होती है । उनके उज्जवल भविष्य की कामना सह ..।

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  9. उम्दा सृजन.. सभी रचनाएँ लाजवाब।
    बहुत बहुत शुभकामनाएँ।

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  10. सभी रचनाएँ अत्यन्त सुन्दर अनीता जी को सुनहरे भविष्य की असीम शुभकामनाएँ.. हार्दिक बधाई।

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  11. सभी रचनाएँ अति सुन्दर और सराहनीय हैं।मन की बेचैनी और कोमलता भाव स्वतंत्र रुप से मुखरित है।अनीता बहनो की उत्कृष्ट रचनाओं के लिए उन्हें हार्दिक बधाई।ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ---

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  12. अलग तरह की बेहतरीन पेशकश
    कवियत्री अनिता जी को अनन्त शुभकामनाएं
    ऐसे ही लिखते रहे आप

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  13. अनीता जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ,उनकी रचनाये दिल को छू लेने वाली होती है ,आगे भी उनकी रचनाये हमे यूँ ही लुभाती रहे बस यही कामना हैं

    जवाब देंहटाएं
  14. किन शब्दों में आपका आभार व्यक्त करू शब्द नहीं मिल रहे, इतना स्नेह, सम्मान, कभी उम्मीद भी नहीं की थी मैंने |
    आप सभी मित्रों को मेरा ढ़ेर सारा स्नेह और आभार | आदरणीया यशोदा दी जी आप को तहे से आभार और ढ़ेर सारा स्नेह |
    सादर

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    उत्तर
    1. अभिवादन..
      हम सभी चर्चाकारों की पसंद की रचनाओं का प्रकाशन कर चुके हैं
      पण्डित रूपचंद्र शास्त्री जी की पसंद भी प्रकाशित हो चुकी है..
      आप भी चर्चमंच की चर्चाकार हैं..हम चाहते हैं कि पूरा ब्लॉग जगत आपको पहचानने लगे...
      सादर..

      हटाएं
  15. वाह, बेहतरीन प्रस्तुति, बहुत ही अच्छा लगा
    अनीता जी के ब्लाॅग को हमकदम में पाकर।
    अनीता जी को सारगर्भित सुंदर रचनाओं के लिए
    हार्दिक बधाई।आपका सहृदय आभार

    जवाब देंहटाएं
  16. सुंदर प्रस्तुति अनिता जी बहुत बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
  17. प्रिय अनीता -- आपके ब्लॉग पर आजके अंक में शामिल सभी रचनाएँ तो पढ़ी ही कई अन्य रचनाओं को भी पढ़ा | आपका ब्लॉग आज ब्लॉग जगत के अग्रणी ब्लोग्स में शुमार है | लिखती रहो | माँ शारदे की कृपा आप पर बनी रहे मेरी यही कामना और दुआ है | लेखन में जीवटता की झलक पाकर अच्छा लगता है | ये आपके जीवन का प्रतिबिम्ब है | वीर जवान की अत्यंत साहसी पत्नी जो जीवन के मोर्चे पर अपने परिवार के समस्त दायित्व निभाकर साहित्य में अतुलनीय सहयोग दे तो इस रचनात्मकता की किमात कई गुना बढ़ जाती है | मंच और यशोदा दीदी को एक बार फिर शुक्रिया और आभार इस बेहतरीन प्रस्तुती के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  18. अनीता जी की उत्कृष्ट रचनाओं के साथ हलचल की शानदार प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई अनीता जी !....

    जवाब देंहटाएं
  19. आप सभी का तहे दिल से आभार, आप ने इनता स्नेह और सम्मान दिए | शब्द नहीं है की किन शब्दों से आप का आभार व्यक्त करू |हमेशा अपना स्नेह और साथ यूँ ही बनाये रखे |
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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