---

गुरुवार, 28 मार्च 2019

1350...हो विदा की घड़ी में भी जिसका स्मरण...

सादर अभिवादन। 

है 
दौर 
ग़ज़ब 
वादे-वादे 
वादा-ख़िलाफ़ी  
नेता-आभूषण 
भाषण-प्रदूषण।   


आइये अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें- 

My photo

हो विदा की घड़ी में भी जिसका स्मरण
कब उसे काल भी, है अलग कर सका ?
था विरोधों का स्वर जब मुखर हो चला,
प्रेम सोने सा तपकर, निखरकर उठा।
चिर प्रतीक्षा में मीरा की भक्ति था वह,
प्रेम राधा का अभिमान कब बन सका ? 



हा भूल गई " मैं "
          अब निश्चय है अंत पास में
   मैं तुषार बूंद नश्वर,भूली अपना रूप
         कभी आलंबन अंबर का



मेरी दुनिया, तुम्हीं तक आ कर, 
न जाने क्यों रुकना चाहें। 
इक अजीब सा मोह 
है, तुम्हारे सजल 
नयन के 
कोर,



पीढ़ियों की गाथाएँ
हैं लिपिबद्ध 
धुँधली आँखों से
झरते सपनों को
पोपली उदास घाटियों में समेटे
उम्र की तीलियों का
हिसाब करते



फूल कापियों में रहते थे, नॉवेल कॉलेजी बुक में,
अक्सर टेबिल की दराज़ में, रखा आईना रहता था।

वो भी क्या दिन थे जब रातें भी दिन जैसी लगती थीं,
सांझ से ले कर वक़्त सुबह तक,  खुली आंख से कटता था।


एक धातु से ही भगवान की मूर्ति भी बन सकती है और हथियार भी गढ़े जा सकते हैं. उसी प्रकार चेतना शक्ति एक ही है उसी से प्रेम भी प्रकट हो सकता है और नफरत भी. अक्षर वही हैं, एकता  का संदेश भी दे सकते हैं और वैमनस्य की आग भी फैला सकते हैं.




चढ़ हवाओं के परों पर
अनुगूँज मुड़ जाती किधर
कौन उस प कान देगा
सुर मधुर बिखरा रहा है !


हम-क़दम का नया विषय

यहाँ देखिए

आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

11 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात..
    बेहतरीन अंक
    ग़ज़ब
    वादे-वादे
    वादा-ख़िलाफ़ी
    नेता-आभूषण
    भाषण-प्रदूषण।
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभातम् रवींद्र जी,
    कम शब्दों में कही गयी सारगर्भित भूमिका और सराहनीय रचनाओं का सुंदर संकलन है आज के अंक में। सभी रचनाएँ बहुत अच्छी है..बढ़िया अंक👍

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर भूमिका और पठनीय रचनाओं की खबर देती हलचल..आभार !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर संकलन। बधाई और आभार।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर हलचल प्रस्तुति सभी सामग्री पठनीय सुंदर सहज भुमिका। सभी रचनाकारों को बधाई ।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार ।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं

    जवाब देंहटाएं
  7. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  8. इस सुंदर संकलन में अपनी रचना को पाकर मन प्रसन्न हो गया। आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय रवींद्रजी। उम्दा प्रस्तुतिकरण के साथ बहुत अच्छी रचनाओं के लिंक्स का चुनाव। अभी ध्यान गया कि आज तो शीर्षक का वाक्यांश भी मेरी रचना से है,अब तो खुशी दूनी हो गई। सारे चर्चाकारों का दूना चौगुना आभार। सादर।

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन!
    बेहद शानदार,
    कोटि कोटि नमन!

    Hindi Panda

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।