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बुधवार, 30 जनवरी 2019
1293..है स्वागत का संगीत नया..
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15 टिप्पणियां:
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सुंदर अंक सभी को सुबह का प्रणाम।
जवाब देंहटाएंइस युग में वायदे जो करते हैं,उसमें जाहिर है कि कोई स्वार्थ तो उनका निहित है, परंतु भेड़ बन यदि हम उनका अनुसरण कर ले,तो कसूर किसका है।
कुछ वर्षों पूर्व मेरे ठिकाने के सामने एक सर्वे कम्पनी ने अपनी दुकान लगाई। ढ़ाई साल में धन दूना करने का वायदे के साथ व्यापार को पांच सौ करोड़ तक पहुंचने के बाद अनाड़ी धन जमाकर्ताओं को छोड़ खिलाड़ी ( संचालक) गोल।
अब आप बताएं कि ढाई साल में भ्रष्टाचार, चोरी और डकैती के अतिरिक्त किस तरह से धन दूना होगा, क्यों झांसे में आयी जनता।
वहाँ 15 लाख बिल्कुल मुफ्त में कहा गया था।
शुभ प्रभात सखी..
जवाब देंहटाएंकाफी दिनो बाद मधुप जी की रचना पढ़ी
आभार....
एक सार्थक अंक
सादर....
अति सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिके बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात आदरणीया पम्मी जी
जवाब देंहटाएंप्राची से झाँक रही ऊषा,
कुंकुम-केशर का थाल लिये।
हैं सजी खड़ी विटपावलियाँ,
सुरभित सुमनों की माल लिये॥
गंगा-यमुना की लहरों में,
है स्वागत का संगीत नया।
गूँजा विहगों के कण्ठों में,
है स्वतन्त्रता का गीत नया|बहुत ही सुन्दर रचना के साथ हलचल प्रस्तुति 👌 सभी लिंक शानदार,सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें ,हलचल में मुझे स्थान देने के लिए, सह्रदय आभार आप का
सादर
बेहतरीन प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार पम्मी जी
जवाब देंहटाएंवाह!!लाजवाब प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंरचनाकारों को खूब बधाई
सादर नमन सुप्रभात
बहुत सुंदर संकलन ,सभी रचनाकारों को बधाई
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएँ
शानदार भूमिका के साथ बेहद सराहनीय रचनाओं का उम्दा संकलन है पम्मी जी। बहुत सुंदर👌
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाये , सारे रचनाकारों को बधाई ,सादर स्नेह पम्मी जी
जवाब देंहटाएंमधुप जी की सुंदर रचना के साथ सुंदर शुरूआत पम्मी जी मनभावन अंक सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई ।
शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
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