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गुरुवार, 30 अगस्त 2018

1140...ख़ुशनुमा बयार की सौग़ात का मौसम ....

सादर अभिवादन। 
बरसात का मौसम 
मख़मली एहसासात का मौसम 
ख़ुशनुमा बयार की सौग़ात का मौसम 
आपदा-विपदा की बात का मौसम
मौसमी बीमारियों की बरसात का मौसम। 

आइये अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलते हैं -  


फासले ऐसे नदारद हुए जिन्दगी से 
खुशनुमा-खुशनुमा हर पल आज है
जबसे आए हो इस वीरां ज़िन्दगी में
तब से सारा शहर लगता आबाद है,




मेरी फ़ोटो

कम्फर्ट जोन से बाहर   
अथाह परेशानियाँ   
मगर असीम संभावनाएँ   
अनेक पराजय   
मगर स्व-अनुभव   
अबूझ डगर   
मगर रंगीन मौसम    



जहां से तुझे यूँ जुदा करके देखा
तू पत्थर था तुझको खुदा करके देखा !
ये अहसास था, या थी कोई हकीकत
चमकते सितारों को पाने की चाहत !
यही चाह मेरी, मेरा जुर्म है अब !
यही राह मेरी, मेरा जुर्म है अब !





इश्क़ के बारे में कुछ मत पूछ ये ही जान ले
इश्क़ जिस पत्थर को छू ले वो खुदा बन जायेगा
तोड़ने वाले मेरा दिल, सोच ले पहले जरा
दिल नहीं है कोई बूत जो दूसरा बन जायेगा



बे-परवाही शौक है या हो आदत
कर देती स्वाभिमान को आहत
अनवधान इतने तो नहीं नादान
कैसे बना जा सकता था आखत

चलते-चलते उलूक टाइम्स की ख़ास प्रस्तुति पर एक नज़र..... 



बिना 
निशान लगाये 
दरवाजों को भी 

कभी कभी 
खटखटायें 


हम-क़दम के चौतीसवें क़दम
का विषय...

यहाँ देखिए..

🌹

आज बस यहीं तक। 
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 
शुक्रवारीय प्रस्तुति - आदरणीया श्वेता सिन्हा 
रवीन्द्र सिंह यादव 

14 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर रवीन्द्र भाई
    बढ़िया रचनाएँ पढ़वाई आज
    सादर शुभ प्रभात

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय रविन्द्र जी बहुत ही सुंदर रचनायें प्रस्तुत की है आपने मन खुश हो गया

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर हलचल प्रस्तुति, सभी सामग्री पठनीय अप्रतिम, सुंदर संकलन
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर हलचल। आभार रवीन्द्र जी 'उलूक' की बकबक की नब्ज पकड़ने के लिये और लाकर हलचल में रख देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत उम्दा रचनाएं
    बेहतरीन संकलन
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह!!रविन्द्र जी ,बहुत ही खूबसूरत संकलन ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण संकलन

    जवाब देंहटाएं
  8. उम्दा रचनाओं के साथ बेहतरीन संकलन.. सभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  9. सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह्ह्ह...क्या.बात है भूमिका की पंक्तियाँ तो बहुत अच्छी लगी👌
    बेहद उम्दा रचनाओं से सजी आज की.प्रस्तुति बहुत शानदार बनी है आदरणीय रवीन्द्र जी।
    सभी रचनाएँ सारगर्भित हैं।
    बधाई इस सुंदर प्रस्तुति के लिए।

    जवाब देंहटाएं
  11. आदरणीय रविन्द्र जी आपका बहुत बहुत आभार , मेरी रचना को आपने इस योग्य समझा और अपने लिंक पर स्थान दिया। आगे भी आपसे ये उम्मीद करूंगी ,सभी रचनाओं की प्रस्तुति के लिए आपको बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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