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शनिवार, 24 दिसंबर 2016

526 ... लीप वर्ष मे ३५९ वॉ दिन



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सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष


राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस



भारत में २४ दिसम्बर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सन् १९८६ में इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था।
 इसके बाद इसअधिनियम में १९९१ तथा १९९३ में संशोधन किये गए।


हम कल रविवार 25 दिसम्बर को धूम मचाने वाले हैं


आदत नहीं कभी बहाना बनाना
फुरसताह समझता रहा ज़माना
छिपा रखें कहाँ टोंटी का नलिका
सीखना है आँखों से पानी बहाना

नाक बिदुरना आना बहुत जरूरी होता है




जो तपा झंझावातों में,
दम रहा उसकी बातों में ,
आँधियाँ रुक मार्ग देती ,
रुका नहीं काली रातों में ,
उसको जो चाहे पुकारो





अगर इन्टरनेट की खाक छानते रहे तो 
आपके हाथ में लंबे-चौड़े बिल ही आएंगे | 
एक दो बड़े टूर में सारा पैसा वसूल बशर्ते 
आप हिमालय कि ऊंचाइयां
 नापने का इरादा न रखते हों |







 जीवन में चुनौती है तो संघर्ष है ,
संघर्ष है तो परिणाम स्वरूप विफलता भी हो सकती है
 या सफलता भी हो सकती है। 
जो चुनौती स्वीकार करके संघर्ष करते हैं 
और संघर्ष से नव-पथ प्रशस्त करते हैं ,
वही काल के गाल पर अपना नाम अंकित करते हैं।


1960 का वो दशक



कभी बरसात, तो कभी तुषार पाला, तो कभी ओलों की मार।
फसलों को निगल जाती थी। न तो विपरीत मौसम में
अधिक उत्पादन देने वाले बीज थे। मक्का, ज्वार, कोदों-कुटकी,
उड़द जैसा मोटा अनाज ही नसीब था। किसी घर में
गेंहू और चावल का भोजन बनने पर। वह दिन उस घर के बच्चों के लिए
त्यौहार का दिन बन जाया करता।




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अनी
संगीनी
अभिमानी
मैला तटनी
रिश्ते दूध-खून
पिसते नुक्ताचीनी



http://www.nagarsanket.com/Paper/PAGE1.HTM


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फिर मिलेंगे .... तब तक के लिए
आखरी सलाम

विभा रानी श्रीवास्तव


6 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात दीदी
    सादर नमन
    इस वर्ष का तीनसौ साठवाँ दिन
    पच्चीस दिसम्बर का होगा
    श्रेष्ठतम प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो मुझे इस काबिल समझा....

    जवाब देंहटाएं

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