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रविवार, 25 दिसंबर 2016

527.....फूलों की बातें

सादर अभिवादन
रविवार, पच्चीस दिसम्बर
साल का तीन सौ साठवाँ दिन
त्योहार क्रिसमस का
पर...एक गड़बड़ तो हो गई
कैलेण्डर से
एक छुट्टी गायब कर दी
सरकारी कर्मचारियों की

अचानक आए फोन से आज मैं यहाँ मौजूद हूँ...क्षमा

चलिए चलते हैं पढ़ी-सुनी रचनाओं की ओर...

अच्छे परफॉरमेंस और स्टंट से अपना नाम पूरी दुनिया में कमाया।
सुनिए गीता जी की जुबानी


जीवन चलने का नाम
बहता है झरने की मानिंद
अविरत.......
समय के तो मानों
लगे हो पंख
उडता है

इससे ऊपर कोई परिचय क्या ?....रश्मि प्रभा
मैं कौन हूँ ?
अपने पापा की बेटी
माँ की बेटी
बहन हूँ
माँ हूँ
और सबसे बड़ी बात
नानी और दादी हूँ

प्रेम.........करुणा सक्सेना
शब्दों में बंधे भाव
और भावों में गुंथे
प्रेम में
कचियाए अनुभव
उतर आए
पतवार बनकर !

छूटता कुछ भी नही है इस जहाँ...सुषमा वर्मा
ये साल भी जा रहा है,
हर साल की तरह,
कुछ ख्वाइशें पूरी होते-होते,
अधूरी रह गयी...
कुछ दर्द जिंदगी को जार-जार कर गए,

मेरे दिल की लगी आग को....जयन्ती प्रसाद शर्मा
मेरे दिल की लगी आग को आंचल से हवा दे दी,
बीमार विस्मिल यार को मरने की दवा दे दी।

आज का शीर्षक...
पौपी की 
कली अफीम 
बनवाती है
बेनूरी पर 
नरगिस
अपनी क्यों 
रोती चली 
जाती है
डैफोडिल 
जलते भी है
रजनीगंधा 
देख कर
लोगों के दिल
मचलते भी हैं

आज रविवार के दिन क्रिसमस का आनन्द लीजिए
सोमवार को मैं नहीं आऊँगी
आज्ञा दें यशोदा को
















8 टिप्‍पणियां:

  1. सभी चर्चाकारों चिट्ठाकारों और पाठकों को क्रिसमस की शुभकामनाएं 'गीता'आँखें नम करती है कुछ देर के लिये । सुन्दर पोस्ट । सुन्दर क्रिसमस प्रस्तुति यशोदा जी। आभारी है 'उलूक' सूत्र 'फूलों की बातें' को चर्चा का शीर्षक देने के लिये ।

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  2. सभी रचनाएँँ एक से बढ़कर एक ।मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए बहुत आभारी हूँ यशोदा जी ।

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  3. 'फूलों की बातें' सुन्दर हलचल। हलचल में मुझे शामिल करने के लिये बहुत बहुत धन्यबाद यशोदा जी।

    जवाब देंहटाएं
  4. सभी रचनाएँ बहुत बढ़िया हैं। मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपकी बहुत आभारी हूँ यशोदा जी।

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  5. बहुत ही अच्छी हैं सारी रचनाए...मेरे पोस्ट को अपनें साइट में लाने के लिए धन्यवाद|

    जवाब देंहटाएं

  6. बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति ..
    सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं

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