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मंगलवार, 7 जून 2016

326....वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप, महानतम स्वतंत्रता सेनानी क्यों?

जय मां हाटेशवरी...


वियतनाम विश्व का एक छोटा सा देश है जिसने..... अमेरिका जैसे बड़े बलशाली देश को झुका दिया।
लगभग बीस वर्षों तक चले युद्ध में अमेरिका पराजित हुआ। अमेरिका पर विजय के बाद वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष से एक पत्रकार ने एक सवाल पूछा.....
जाहिर सी बात है कि सवाल यही होगा कि आप युद्ध कैसे जीते या अमेरिका को कैसे झुका दिया ??
पर उस प्रश्न का दिए गए उत्तर को सुनकर आप हैरान रह जायेंगे और आपका सीना भी गर्व से भर जायेगा।
दिया गया उत्तर पढ़िये..............
सभी देशों में सबसे शक्ति शाली देश अमेरिका को हराने के लिए मैंने एक महान व् श्रेष्ठ भारतीय राजा का चरित्र पढ़ा। और उस जीवनी से मिली प्रेरणा व युद्धनीति का प्रयोग कर हमने सरलता से विजय प्राप्त की।
आगे पत्रकार ने पूछा...
"कौन थे वो महान राजा ?"
मित्रों जब मैंने पढ़ा तब से जैसे मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया आपका भी सीना गर्व से भर जायेगा।
वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष ने खड़े होकर जवाब दिया...
"वो थे भारत के राजस्थान में मेवाड़ के महाराजा महाराणा प्रताप सिंह !!"
महाराणा प्रताप का नाम
लेते समय उनकी आँखों में एक वीरता भरी चमक थी। आगे उन्होंने कहा...

🚩"अगर ऐसे राजा ने हमारे देश में जन्म लिया होता तो हमने सारे विश्व पर राज किया होता।"

 जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए| तब माँ का जवाब मिला ” उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकरआना जहाँ का राजा अपनी प्रजा केप्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना ”बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था | “बुक ऑफ़ प्रेसिडेंट यू एस ए ‘किताब में आप ये बात पढ़ सकते है | आज इसी  वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ,  राष्ट्रभक्तो  के आदर्श महान राजा की जयंती है...
सभी को इस युग नायक की जयंति पर शुभकामनाएं...

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप, महानतम स्वतंत्रता सेनानी क्यों? Why maharana pratap, the greatest ever freedom fighter?

महाराणा प्रताप के सबसे बड़े प्रशंसक और अनुयायी, महान स्वतंत्रता सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी ने अपनी पत्रिका 'प्रताप' का पहला अंक महाराणा प्रताप को समर्पित करते हुए लिखा था की "महान् पुरुष, निस्‍संदेह महान्, पुरुष। क्या भारतीय इतिहास के किसी खून में इतनी चमक है? स्‍वतंत्रता के लिए किसी ने इतनी कठिन परीक्षा दी? जननी जन्‍मभूमि के लिए किसने इतनी तपस्‍या की? देशभक्‍त, लेकिन देश पर अहसान जताने वाला नहीं, पूरा राजा, लेकिन स्‍वेच्‍छाचारी नहीं। उसकी उदारता और दृढ़ता का सिक्‍का शत्रुओं तक ने माना। शत्रु से मिले भाई शक्तिसिंह पर उसकी दृढ़ता का जादू चल गया। अकबर का दरबारी पृथ्‍वीराज उसकी कीर्ति गाता था। भील उसके इशारे के बंदे थे। भामाशाह ने उसके पैरों पर सब कुछ रख दिया। मानसिंह उससे नजर नहीं मिला सकता था। अकबर उसका लोहा मानता था। अकबर का दरबारी खानखाना उसकी तारीफ में
पद्य रचना करना अपना पुण्‍य कार्य समझता था। जानवर भी उसे प्‍यार करते थे और घोड़े चेतक ने उसके ऊपर अपनी जान न्‍यौछावर कर दी थी। स्‍वतंत्रता देवी का वह प्‍यारा था और वह उसे प्‍यारी थी। चित्‍तौड़ का वह दुलारा था और चित्‍तौड़ की भूमि उसे दुलारी थी। उदार इतना कि बेगमें पकड़ी गयीं और शान-सहित वापस भेज दी गयीं। सेनापति फरीद खाँ ने कसम खायी कि प्रताप के खून से मेरी तलवार नहायेगी। प्रताप ने उस सेनापति को पकड़ कर छोड़ दिया। अपने से कहीँ विशाल और ताकतवर साम्राज्य को ना केवल चुनौती देकर बल्कि सफलतापूर्वक अपना राज्य वापिस जीतकर देश के सबसे ताकतवर बादशाह का घमंड चूर चूर कर दिया"

 विश्व पर्यावरण दिवस चाँद पर मनाने जाने को दिल मचल रहा है
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इस बार से
यहाँ भी तो
बहुत दूर के
सुहाने ढोल नगाड़े
बेवकूफों को
दिखाने और
समझाने का
बबाला चल रहा है ।


चार कवितायेँ
सत्य
डाल से गिरे
छत-आँगन में फैले
गंध हीन
मरे पत्ते
ढेर बने
आग मिली
धुआं-धुआं
जले पत्ते
वृक्ष ने कहा..
'यही सत्य है!'

यहाँ मौसम बदलते जा रहे हैं
s320/RUPSI
हुए हैं लोग पत्थर के यहाँ परकिसे किस्सा युँ कहते जा रहे हैं
पतंगों की तरह हिमकर तसव्वुरफ़लक पर ख़ूब उड़ते जा रहे हैं

मधुशाला
ह्रदय  की  धुन को सुन  ले  राही ,सुबक -सुबक  के आस न कर
तू  ही  खुद का है रक्षक  ,अब  समझाती  ये  मधुशाला

तेरी छत से चाँद निकलना जारी है
दिल के पन्ने खोल खोल के मत पढ़ना ।
अरमानों  से  दर्द   पिघलना  जारी  है ।।
तेरी गली से वो पगला फिर गुजर गया ।
उसका  सुबहो  शाम  टहलना जारी है ।।

आज समय काफी कम है...
हड़बड़ी में...यही बन पड़ा...
धन्यवाद।







6 टिप्‍पणियां:

  1. मेवाड़ वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 476वीं जयंती पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ।
    सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर प्रस्तुति । आभार कुलदीप जी 'उलूक' के सूत्र ' विश्व पर्यावरण दिवस चाँद पर मनाने जाने को दिल मचल रहा है' को आज के पाँच सूत्रों में जगह देने के लिये ।

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  3. देर से आई
    पर आई तो
    शुभकामनाएं व नमन
    राणा जी को
    सादर

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  4. काश अपने देश में भी बलिदानों का यथोचित् , यथासमय ,सम्मान मिल पाता। एक वीर की घनघोर वीरता को शत् शत् नमन। बहुत ही आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई आपने। धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छी हलचल। उम्दा लिंक्स। आभार 'यहाँ मौसम बदलते जा रहे हैं' को शामिल करने के लिए।

    जवाब देंहटाएं

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