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रविवार, 31 जनवरी 2016

198 -कोई वार खाली न जाता घाव गहरे दे जाता

सुप्रभात मित्रो
    पांच लिंक का आनंद मे आप सब का स्वागत है।
मै आपका दोस्त विरम सिंह सुरावा ।
लहरो से डरकर नौका पार नही होती
       कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती ।।
संघर्ष का मैदान छोड मत भागो तुम
      कुछ किए बिना ही जय जयकार नही होती।।
कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती ।।

अब लिजिए आज की पांच लिंको का आनंद -



अकांक्षा पर.......आशा सक्सेना
दो काकुल मुख मंडल पर
झूमते लहराते
कजरे की धार पैनी कटार से
 वार कई बार किया करते
 स्मित मुस्कान टिक न पाती
मन के भाव बताती
चहरे पर आई तल्खी
भेद सारे  खोल जाती
कोई वार खाली न जाता
घाव गहरे दे जाता


ज्ञान दर्पण पर.......रतन सिंह
गिफ्ट भेजने के नाम पर याद आया, अभी दो दिन पहले ही ऑनलाइन व्यापार करने वाली वेब साइट्स की पड़ताल करते हुए एक गिफ्ट भेजने का व्यवसाय करने वाली एक वेबसाइट मिली| वर्त्तमान आर्थिक युग में आज चाहते हुए भी लोगों के पास अपने किसी खास के जन्मदिन, ख़ुशी के मौके आदि पर जाने के लिए व्यावसायिक व्यस्तता के चलते समय का अभाव है| ऐसे ही व्यस्त लोगों की इसी समस्या का समाधान करती है यह वेबसाइटhttp://www.fnp.com

उच्चारण पर .......रूपचन्द्र शास्त्री
छन्दों में देना मुझे, शब्दों का उपहार।
माता मेरी वन्दना, कर लेना स्वीकार।।
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गति, यति, सुर, लय-ताल का, नहीं मुझे कुछ ज्ञान।
बिना पंख के उड़ रहा, मन का रोज विमान।।
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मिला नहीं अब तक मुझे, कोई भी ईनाम।
तुकबन्दी मैं कर रहा, माता का ले नाम।।

यथार्थ पर.......विक्रम सिंह
मेरे शहर में जमीन से जुदा है लोग
कुछ कमजर्फ है कुछ खुदा है लोग।

हम दिल से दिल मिलाने की सोचते रहे
यहाँ मुखौटो की शिल्पकारी पर फ़िदा है लोग।

मौसम की तरह मिजाज बदलते रहते है
कुछ पतझड़ से कटीले है कुछ हवा है लोग।



तीखी कलम से पर .......नवीन जी
मैं  इबादत   हसरतों   के  नाम   ही  करता  रहा ।
वक्त  से   पहले  कोई  सूरज  यहां  ढलता  रहा ।।

जिंदगी  के  हर अंधेरो  से  मैं  बाजी  जीत  कर ।
बन मुहब्बत  का दिया मैं  रात भर  जलता रहा ।।

रात   की   तन्हाइयाँ   ले  कर   गयीं  यादें   तेरी ।
फिर  सहर आई  तो  मैं यूँ  हाथ  को  मलता  रहा।।


अब दीजिए अपने दोस्त 
विरम  सिंह को आज्ञा
धन्यवाद

11 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात..
    वाह..
    अपेक्षा से अधिक
    अनन्दित हुई आज
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    उम्दा लिंक्स
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर|

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. क्या बात है...
    आनंद आ गया है...

    जवाब देंहटाएं
  5. अरे वाह क्या बात है मजा आ गया भाई

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढ़िया लिंक चयन । सभी बेहतरीन ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बढ़िया लिंक चयन । सभी बेहतरीन ।

    जवाब देंहटाएं

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