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सोमवार, 7 सितंबर 2015

विरोधों की सभी मानव जंजीरें टूट जाती हैं.....पृष्ठ इक्कावन

मेरी 
तमन्ना न थी 
तेरे बगैर रहने की .... 
लेकिन
मज़बूर को ,
मज़बूर की ,
मजबूरिया.. 
मज़बूर कर देती है ..!!!!
-यशोदा उवाच..

शनिवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ
और रविवार से एक सप्ताह तक 
नन्द बाबा के घर में उत्सव चलता रहेगा....

आज की रचनाओ की ओर बढ़ें.....

संस्कृत में हास्य व्यंग्य - हिंदी भाषा टीका सहित
इयम् एकविंशतिः शताब्दी
पश्य सखे! आगता भारते।।
श्वानो गच्छति कारयानके
मार्जारः पर्यङ्के शेते,
किन्तु निर्धनों मानवबालः
बुभुक्षितो रोदनं विधत्ते।

हिन्दी अनुवाद...
भारत में आ रही साथियों
देखो इक्कीसवीं शताब्दी।।
कुत्ता चलता कार यान में
बिस्तर पर बिल्ली सोती है।
बेचारे गरीब की सन्तति
किन्तु भूख सहती रोती है।।


मुकेश अम्बानी के एक फैमिली फ्रेंड ने कहा :- 
"इसीलिए मैं मुकेश अम्बानी के घर नहीं जाता" 
एक बार मैं एंटीलिया गया,,,, नीता भाभी बोलीं--- 
"क्या लेंगे भाईसाहब, फ्रूट जूस...सोडा...चाय...कॉफी... हॉट चॉकलेट...इटैलियन चाय या फ्रोज़न कॉफी ?" 
उत्तर--- "चाय ले लूँगा, भाभी जी" 


काला चश्मा लगा 
कर सपने में अपने
आज बहुत ज्यादा 
इतरा रहा है 
शिक्षक दिवस 
की छुट्टी है खुली 
मौज मना रहा है 


दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन की तैयारियां जोर शोर से शुरू
दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन में समकालीन मुद्दों और विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रशासन और विदेश नीति, विधि, मीडिया आदि के क्षेत्रों में हिंदी के सामान्य प्रयोग और विस्तार से संबंधित तौर तरीकों पर चर्चा होगी। सम्मेलन का मुख्य विषय ‘हिंदी जगत: विस्तार एवं संभावनाएं’ है।


कितनी क्षीण पड़ जाती है हमारी आवाजें
विरोधों की सभी मानव जंजीरें टूट जाती हैं 
और हम भुला देते है 
उन सभी कारणों को 
जो भय उपजाते हैं हमारे भीतर

आज्ञा दें दिग्विजय को

और सुनें ये गीत...मेरे जन्म से पहले का है
















5 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर हलचल । आभार दिग्विजय जी 'उलूक' के सूत्र '‘उलूक’ व्यस्त है आज बहुत एक सपने के अंदर एक सपना बना रहा है... ' को पाँच में स्थान देने के लिये ।

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  2. Are waaah.......anupam links sanyojit kiye hain aapne.......badhaiiii

    जवाब देंहटाएं
  3. सभी पोस्ट अच्छी हैं
    http://savanxxx.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं

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