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बुधवार, 23 अप्रैल 2025

4467..सब ठीक है?

 धरती की सुलगती छाती से बेचैन शरारे पूछते हैं

तुम लोग जिन्हें अपना न सके वो ख़ून के धारे पूछते हैं..!!

~ साहिर लुधियानवी
आतंकवाद का कोई “धर्म”नहीं होता,सुना जाता है,
फिर “नाम” पूछ-पूछ कर हिंदुओं की “हत्या” ..फिर जबरदस्त चोट लगी हमसब पर..
लिजिए बुधवारिय प्रस्तुतिकरण में..
वो आये नाम पूछा
धर्म देखा और मार दी गोली
न ब्राह्मण देखा, न क्षत्रिय
न वैश्य और न ही शूद्र,
न अगड़ा, न पिछड़ा
न ऊंच न नीच
म सवर्ण न दलित..
✨️
 मैंने कहा 

जा रहा हूँ 

फिर कभी नहीं दिखाऊँगा 

अपना चेहरा तुम्हें, 
✨️
 

हे रुष्ट प्रकृति
करके क्रोध का त्याग
होंगी तुम कैसे प्रसन्न?

ये मूढ़ मानव
है तो तुम्हारी ही संतान
लाड़ का कर दुरुपयोग..
✨️

तेज हवाएँ लू लपट सूखे मैदानों में

हाहाकार प्रचण्डिका अग्निधार बाण

उफनती चिंगारियाँ लौहवर्ण सावधान 

मनसा सावधान ! थोड़ा सोच-विचारकर  

काम करो जहाँ भी जैसे भी संभव..
✨️
पम्मी सिंह ' तृप्ति '...✍️

1 टिप्पणी:

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