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गुरुवार, 23 जनवरी 2025

4377...वही बूंद असली शबनम है...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीय शांतनु सान्याल जी की रचना से।  

सादर अभिवादन। 


आज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्दा
नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है।
'पाँच लिंकों का आनन्द' परिवार की ओर से
उन्हें श्रध्दा सुमन अर्पित हैं।  


आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

“क्षणिकाएँ”

तथ्य चाहे जो भी रहे हो 

सत्य का शाश्वत होना

जग ज़ाहिर सी बात है

 फिर भी.., न जाने क्यों ..?

इस फ़लसफ़े को 

नज़रअंदाज़ कर के

जीने की राह..,

आसान हो जाया करती है 

उपशम--

*****उनकी यादों से कहो

साथ तेरा जो मिला हमको,पा लिया जहां हमनें 
गम नहीं कोई सजन हमको, यूँहि बुलाते रहिए
.
साज़ बजने लगेअब दिल के,आप आए हो यहाँ 
चाँद की चाँदनी में साजन, यूँहि नहाते रहिए 
*****

यूपी में बनेगा देश का पहला हिंदी साहित्य म्यूजियम, संरक्षित होगी साहित्यकारों की विरासत

म्यूजियम में एक एमपी थियेटर और ऑडिटोरियम भी होगा. जिसमें साहित्यकारों के जीवन से जुड़ी रचनाओं को समझाया जाएगा और अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस म्यूजियम में हिंदी साहित्य से जुड़े दिग्गजों को लेकर गैलरी होगी, जिसमें उनकी प्रतिमाएं और पेंटिंग लगाई जाएगी. और उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण किताबें को रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि, इसके बन जाने का सबसे बड़ा फायदा आम जनमानस के साथ हिंदी साहित्य प्रेमियों को मिलेगा, उन्हें पुराने साहित्यकारों की पुस्तक व जानकारी के लिए यहां वहां दौड़ना नहीं पड़ेगा.*****श्मशान (कहानी)इतने में तारा ने रस्सी भीतर लाकर रख दी । तब तक गौतम चला गया । तभी उनकी सहायिका माया कई से भागी भागी वहां पर आ गईं । इस बस्ती में कुल मिलाकर पच्चीस घर थे और केवल दस घर होंगे जिनकी दीवारें अपनों के साथ रह रही थी । बाकी कभी कभार खुलती और बंद होती । जो यहां रह रहे थे उनमें से ज्यादातर लोगों के घरों में माया काम करती तारा जब तक गांव में रहती थी वो आती ।*****फिर मिलेंगे। रवीन्द्र सिंह यादव

3 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर रचनाएं शामिल की है आपनै
    आभार अथक परिश्रम को
    वंदन

    जवाब देंहटाएं
  2. सभी रचनाएं बहुत सुन्दर है

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति । पाँच लिंकों का आनन्द में मेरे सृजन को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार सहित धन्यवाद आदरणीय रवीन्द्र सिंह जी !

    जवाब देंहटाएं

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