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बुधवार, 22 जनवरी 2025

4376..25% इंक्रीमेंट पक्का है..

।।भोर वंदन।।

 सूर्य एक सत्य है

जिसे झुठलाया नहीं जा सकता !

मगर ओस भी तो एक सच्चाई है ;

यह बात अलग है कि ओस क्षणिक है

क्यों न मैं क्षण क्षण को जिऊँ ?

कण-कण मेँ बिखरे सौन्दर्य को पिऊँ ?

 अटल बिहारी वाजपेयी

 आज की पेशकश में शामिल रचनात्मक रूप को आप सभी नजर डालें..✍️

सारे माला के मनके हैं 


सच के सपने देखा करता 

माया में रमता निशदिन मन, 

जाने किसने बंधन डाले 

मुक्त सदा ही मुरली की धुन ! ..

✨️

फुटपाथ ....

कानों में गूँजती 

अनगिनत 

स्वर लहरियों के साथ 

कहीं रास्ते पर 

चलते कदम 

अक्सर

ठिठक कर रुक जाते हैं 

जब नज़रों के सामने ..

✨️

इमोशनल फूल

 बात नाश्ते में मिलने वाले कीड़े वाले दलिए से ज्यादा ब्रदरहुड की थी | बिगुल था कि हड़ताल होगी ! किसी ने कहा कि रुद्रपुर में विद्रोह हुआ , सफल रहा | किसी ने कहा कि वादा रहा ,चिंगारी में छप के रहेगा | किसी ने कहा कि कलट्टर से जान पहचान है , स्कूल प्रशासन की चूलें हिलेंगी | देखना | 


वे जो दिखा रहे थे , छपा रहे थे , चूलें हिला रहे थे , वे ही किरतपुर की हडताल के अगुवाई थे | 

✨️


आठवां वेतन आयोग घोषित होते ही सरकारी कर्मचारियों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। गुप्ता जी, जो अब तक गुमसुम रहते थे, अचानक कैलकुलेटर के पीछे लग गए। "भाईसाहब, मेरे हिसाब से तो 25% इंक्रीमेंट पक्का है,"

✨️

।।इति शम।।

धन्यवाद 

पम्मी सिंह ' तृप्ति '..✍️

3 टिप्‍पणियां:

  1. क्षण-क्षण को जीने की कला सिखाती अटल जी की कविता पढ़वाने के लिए आभार,
    आज की सुंदर प्रस्तुति में 'मन पाये विश्राम जहां' को स्थान देने हेतु भी हार्दिक आभार पम्मी जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह! सुन्दर प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं

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