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शनिवार, 7 दिसंबर 2024

4330 ...भूल गई अपनी परछाई बैठ बजाती रही मृदंगम

 सादर नमस्कार

4 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात!
    अपनी रचना भूमिका में। मन बाग़बाग हो गया।
    सभी रचनाओं पर जाना हुआ। भावपूर्ण अभिव्यक्तियों का सुंदर अंक। सभी रचनाकारों को बधाई, शुभकामनाएं💐🎊

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  2. सुप्रभात ! सराहनीय रचनाओं के लिंक्स, 'मन पाये विश्राम जहाँ को' आज के अंक में स्थान देने के लिए ह्रदय से आभार!

    जवाब देंहटाएं

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