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बुधवार, 13 नवंबर 2024

4306..चिट्ठी आई है...

प्रातःवंदन 

 "हम सबके दामन पर दाग

हम सबकी आत्मा में झूठ
हम सबके माथे पर शर्म
हम सबके हाथों में टूटी तलवारों की मूठ "
  डा० धर्मवीर भारती
सहज भाव से सामाजिक,लोकतांत्रिक प्रक्रिया  को इंगित करतीं पंक्तियों के साथ चलिये अब नज़र डालें चुनिंदा लिंकों पर...





सीखने संगीत विद्यालय कभी जाती नहीं 
बाज़ से डरती अगर चिड़िया कभी गाती नहीं 

तितलियाँ लिपटी हुईं फूलों से दिन में बेख़बर 
ये मुहब्बत भी तवायफ़ सी है शरमाती नहीं 
✨️


 आज twitter यान‍ि X पर एक आंखेंदेखा वाकया पढ़ा ज‍िसे भुक्तभोगी लंकेश ( X पर एकाउंट का नाम) ने साझा क‍िया...आप भी पढ़ें क‍ि गांव गमाण में आज र‍िश्ते क‍िस तरह बदल चुके हैं... 
छठ प्रसाद पहुंचाने दीदी के ..
✨️


गांवों में सब हरा भरा है

चिट्ठी आयी है।

इस सबूत के लिए एक 

फ़ोटो चिपकायी है।
✨️

देश बुरी तरह से बदल रहा है। 

देश के सारे उद्योग एआई मशीनों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं।

इसके लिए देश को तैयार करने का काम काफी पहले से सरकार के स्तर पर भी शुरू कर दिया गया है।
✨️
।।इति शम।।
धन्यवाद 
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️

4 टिप्‍पणियां:

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