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रविवार, 22 सितंबर 2024

4254 ... तृप्त हो जाते है कुछ रिश्ते सदा-सदा के लिये !!!!

 नमस्कार


देखिए कुछ रचनाएं



अनत जगत यह, सरल सहज वह,
करत नयन नत, मदन भजन रत।

कमल नयन लख, चरण शरण रख,
असत गरल हत, नमन करत शत।




सुना आपने
अब कविता पढ़ना मुझे नहीं भाता
अक्सर मैं कविता का पेज ही
खोल कर नहीं देखती
टिकने ही नहीं देती
आँखों को शीर्षक पर
एक क्षण के लिए भी
शायद भय है अंतर्मन में
पुराना प्रेम जाग न उठे




शिशिर को परेशान देखकर अजय ने पूछा _क्या बात हो गयी भाई!
यार अखबार पढ़ कर मन खराब हो जाता है।देखो न भ्रष्टाचार में भारत कितने ऊँचे पायदान पर है।
अखबार दिखाते हुए बोला।

अजय...अरे भाई शांत हो जाओ।समाधान तो हम सब को मिल कर निकालना है।





अब कहां से हिम्मत लाऊँ ? जबकि सारा हिम्मत जवाब दे गया निरमा सिसकती हुई बोली।अब तो मुझे मर जाने में ही भलाई है ।अच्छा हुआ जो चाचा नहीं रहे ।नहीं तो वह सहन नहीं कर पाते यह सब ।मुझे भी उन्हीं के पास जाना है। नहीं निरमा! तुम्हारे मर जाने से उन कुत्तों के सेहत में कोई गिरावट नहीं आने वाली ।तुम्हारे जैसे हजारों निरमा होने इस धरती पर अपने प्राण त्यागे हैं। पर इन दहेज लोभियों के जबड़े फैलते ही चले गए। उन निरमाओं की मृत्यु के साथ ही इन दानवों की काली करतूतें भी दफन होकर रह गई ।और तुम मर कर इनकी कृत्य को दफना दोगी। अब तुम एक नया अवतार लेकर इन असमाजिक तत्वों का नाश करोगी ।





रिश्तों की एक नदी
बहती है यहाँ अदृश्य होकर
जिसे अंजुरी में भरते ही
तृप्त हो जाते है
कुछ रिश्ते सदा-सदा के लिये !!!!





तीसरा पग अब रखूँ कहाँ ?
पूछते बलि से वामन विराट।  
भक्त तत्क्षण प्रभु को जान,
जान गया लीला का सार ।
भक्त की भूल स्वयं सुधारने
भक्ति का मार्ग प्रशस्त करने
स्वयं द्वार पर ठाड़े भगवान
अहो कौन मुझ सा भाग्यवान !



आज बस
सादर वंदन

5 टिप्‍पणियां:

  1. इस अंक की सभी रचनाएं गहन विचार का प्रतिबिंब प्रतीत होती हैं। दिग्विजय जी, इस विचारशील बैठक में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार। जाने क्यूँ , सूचना ब्लॉग पर नहीं मिली। ब्लॉग की समस्याओं के निवारण में क्या कोई सहायता कर सकता है ?

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  2. सुप्रभात ! देर से आने के लिए खेद है, कल इतवार था, कुछ व्यस्तता रही। सुंदर प्रस्तुति, 'मन पाये विश्राम जहाँ को' स्थान देने हेतु बहुत बहुत आभार !

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर प्रस्तुति ! 'मन पाये विश्राम जहां' को शामिल करने हेतु बहुत बहुत आभार !

    जवाब देंहटाएं

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