सादर अभिवादन
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शनिवार, 13 जुलाई 2024
4185 ...वह महिला निर्भर नहीं किसी पुरुष पर
5 टिप्पणियां:
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जी ! .. सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को मंच देने के लिए .. .. बस यूँ ही ...😊
जवाब देंहटाएंसुप्रभात ! विविधरंगी रचनाओं के गुलदस्ते से सजा अंक, आभार !
जवाब देंहटाएंजी ! .. सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को मंच देने के लिए .. .. बस यूँ ही ...😊
जवाब देंहटाएं( उपरोक्त प्रतिक्रिया हमने सुबह भी लिखी थी , पर मंच पर अभी तक दिखी नहीं। तो .. अभी दोबारा ...)🤔
आज की आपकी भूमिका से .. कुछ बतकही ...
जवाब देंहटाएं"उस मौसम सी कोई बात नहीं है।" -
बंधु ! .. बात तो वैसे भी .. मौसम में नहीं, मन में होती है .. शायद ...
मन हर्षित हो, तो जेठ-आषाढ़ की गर्मी में भी मन-मयूर "ता-थैया, ता-थैया, हो~~~" करने लग जाता है, वर्ना ...
दोनों एक साथ आ गई
जवाब देंहटाएंआभार आपका
वंदन