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गुरुवार, 16 मई 2024

4128...दीमक होशियारी अपनी कहाँ छुपाता है...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीय डॉ.सुशील कुमार जोशी जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

गुरुवारीय अंक में पढ़िए पाँच पसंदीदा रचनाएँ-

सब जानते है सीवर खुला है और आ रही है बदबू सडन की खुशबू गाने में किसी का क्या चला जाता है

आदमी लिख रहा है बन कर चम्मच
कटोरा पकडे हुए एक इंसान की कहानी
उसे कहाँ कोई समझाता है

कटोरे से कुर्सी और कुर्सी से देश खाने में
कहां समय लगता है
दीमक होशियारी अपनी कहाँ छुपाता है

*****

फूलों का तालाब

आज सुबह वे चार बजे उठे और पाँच बजे तक नहा-धो कर तैयार थे। बच्चे पाँच बजे उठे और छह बजे के कुछ पल बाद टाटा नेक्सन के शोरूम के लिए निकल पड़े। आठ बजे रैली आरंभ हुई। एक कार यू ट्यूब का वीडियो बनाने के लिए और एक आयोजकों की अपनी कार भी साथ चल रही थी। दो घंटे बाद सभी कारें रामनगर स्थित एक कैफ़े में जाकर रुकीं। जहां स्वादिष्ट नाश्ता कराया गया। बाद में विजेता और उप विजेता के नामों की घोषणा हुई।

*****

सुगंध से जाना

भीनी सी

दस्तक देकर

छुप गई..

कुछ देर हुई

छुपा-छुपी..

फिर सुगंध की

उंगली पकङ ली,

*****

वह प्रेम में है

वह अपनी कोख़ नहीं कुतरती

चिथड़े-चिथड़े हुए प्रेत डरौना को

जब तुमने खेत से उठाकर

आँगन में टाँगा  था

तब भी उसने

तुम्हारी मनसा को मरने नहीं दिया

*****

एक पत्र , खुला - खुला सा

एक आदमी ने, नाम तो आप जानते ही हैं, थाली बजाने को कहा, लोग कटोरी-चम्मच तक बजाने लगे ! कोरोना के समय उसने डॉक्टरों का सम्मान करने को कहा, लोग उन पर फूल बरसाने लगे ! उसने एक दिया जलाने को कहा, लोगों ने दीयों की कतार लगा दी ! विश्व-रिकॉर्ड बना दिया ! हालांकि वह भी जानता था और जनता भी कि दिए के जलने से कोरोना नहीं जाएगा, पर यह एक तरह से लोगों को तनाव से बाहर लाने का उपक्रम था ! गहरी मुसीबत में एक आसरे का सहारा सा देने की इच्छा थी ! दूसरी तरफ आपने सिर्फ उसका उपहास किया, मजाक बनाया, गालियां दीं ! कमतर आंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी ! इतिहास से भी सबक नहीं लिया जो चीख-चीख कर बताता रहा है कि देश के आमजन को, आवाम को, किसी की लगातार बेकद्री कभी भी रास नहीं आती! 

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 


7 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर अंक
    आभार
    सादर वंदन

    जवाब देंहटाएं
  2. आभार रवीन्द्र जी l एक पत्र का लिंक ड्राफ्ट ब्लॉगर खोल रहा है l सही कर लें l

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय भैय्या जी
      ठीक कर दी हूँ
      अब देखिए
      सादर वंदन

      हटाएं
  3. सराहनीय प्रस्तुति, आभार रवींद्र जी !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति।
    हार्दिक आभार आपका
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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